उत्तराखंड में धंस रहे गांव और दरकते हाईवे, लोग छोड़ रहे अपने ही घर

उत्तराखंड में धंस रहे गांव और दरकते हाईवे, लोग छोड़ रहे अपने ही घर

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश से हालात गंभीर हो गए हैं। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिलों में कई गांवों की जमीन धंस रही है। घरों की दीवारों में बड़ी दरारें आ गई हैं। इससे लोगों में भय का माहौल है। कई परिवार रातोंरात अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। प्रशासन ने भी खतरे वाले इलाकों से लोगों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए हैं।

स्थिति और भी चिंताजनक इसलिए हो गई है क्योंकि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत कई अहम सड़कों पर भी दरारें पड़ गई हैं। लगातार मलबा गिरने और भू-धंसाव से यातायात बाधित हो रहा है।

इस बीच राज्य सरकार ने 15 सितंबर से “सड़कें गड्ढा मुक्त करने” का अभियान शुरू करने का फैसला किया है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा ने बताया कि 31 अक्तूबर तक सभी सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि विभाग के सचिव पंकज पांडेय ने कहा कि बारिश के कारण बंद सड़कों को समय पर खोलना चुनौती बन गया है। सड़कें खुलने के कुछ घंटों बाद ही फिर से बंद हो जाती हैं। बावजूद इसके विभाग की टीमें लगातार काम कर रही हैं।

वर्तमान में प्रदेश की 520 सड़कें बंद हैं। लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इनमें पांच राष्ट्रीय राजमार्ग, 27 राज्य मार्ग, 17 मुख्य जिला मार्ग, आठ अन्य जिला मार्ग और 164 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। जिलों में पौड़ी की 71, टिहरी की 43, चमोली की 53, रुद्रप्रयाग की 43, उत्तरकाशी की 65, देहरादून की 49, अल्मोड़ा की 86 और पिथौरागढ़ की 51 सड़कें प्रभावित हैं।

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लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ के गांवों से लेकर राष्ट्रीय राजमार्गों तक बड़े संकट खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर लोग घर छोड़कर पलायन को मजबूर हो रहे हैं, वहीं सरकार और प्रशासन सड़क मार्गों को सुचारु करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटे हैं।

 

Saurabh Negi

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