तकनीक और डिस्टेंस लर्निंग से बदलेगा शिक्षा का स्वरूप : कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय

तकनीक और डिस्टेंस लर्निंग से बदलेगा शिक्षा का स्वरूप : कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय

देहरादून, 11 अगस्त – उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में नवनियुक्त कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने  शिक्षा को तकनीक आधारित और सर्वसुलभ बनाने का संकल्प व्यक्त किया। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में यूकोस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, प्रभारी निदेशक डॉ. सुभाष चंद्र रमोला, शिक्षाविद और विश्वविद्यालय के विभिन्न अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नरेंद्र जगूड़ी ने किया।

कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो. लोहनी और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस अवसर पर प्रो. दुर्गेश पंत ने कुलपति का स्वागत करते हुए कहा कि प्रो. लोहनी का शैक्षिक और प्रशासनिक अनुभव देश-विदेश में रहा है, जो विश्वविद्यालय के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया।

अपने संबोधन में कुलपति प्रो. लोहनी ने कहा कि यदि उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना है तो तकनीक-आधारित शिक्षा को अपनाना होगा, ताकि इसकी पहुंच दूरस्थ से दूरस्थ क्षेत्रों तक हो सके। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय इस माह अपने स्थापना के 20 वर्ष पूरे करने जा रहा है और 15 अगस्त को ‘रेडियो एप’ लॉन्च किया जाएगा, जिससे छात्रों को पाठ्यक्रम संबंधी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। इसके साथ ही, भविष्य में परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने की योजना भी है।

प्रभारी निदेशक डॉ. रमोला ने कहा कि नए कुलपति के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय को दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का प्रयास होगा। सहायक क्षेत्रीय निदेशक अनिल कंडारी ने बताया कि विश्वविद्यालय 100 से अधिक कोर्स संचालित करता है, जिन्हें यूजीसी, एआईसीटीई, एमसीटी और आरसीआई जैसी संस्थाओं की मान्यता प्राप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय उत्तराखंड का एकमात्र संस्थान है जो एनसीवीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त वोकैशनल कोर्स भी चलाता है।

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इस अवसर पर अरविन्द कोटियाल, अजय कुमार सिंह, सी.बी. पोखरियाल, राहुल देव, चेत बहादुर थापा, अभिषेक, विभिन्न काउंसलर और अध्ययन केंद्र समन्वयक भी मौजूद रहे।

 

Saurabh Negi

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