उत्तराखंड निकाय चुनाव आज, भाजपा और कांग्रेस की साख दांव पर

उत्तराखंड निकाय चुनाव आज, भाजपा और कांग्रेस की साख दांव पर

उत्तराखंड के 11 नगर निगमों और 100 निकायों में आज मतदान हो रहा है। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव अहम हैं। सत्तारूढ़ भाजपा अपनी साख बचाने की कोशिश में है, जबकि कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर के सहारे उलटफेर की उम्मीद कर रही है। इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जोर लगाया है, खासकर भाजपा और कांग्रेस में असंतोष से उपजे मौके का फायदा उठाने के लिए।

भाजपा की चुनौती और नई रणनीति
भाजपा ने निकाय चुनाव में पिछली बार के रिकॉर्ड को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा है। 2018 में भाजपा ने पांच नगर निगमों और 43 निकायों में जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी ने कई नगर निगमों में नए चेहरों पर भरोसा जताया है। पार्टी के लिए चुनौती इन चेहरों को जिताने और पिछले प्रदर्शन को दोहराने की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ की अपील करते हुए निकायों में जीत का शतक बनाने का दावा किया है।

कांग्रेस की उम्मीदें और एकजुटता
कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ नाराजगी का फायदा उठाने के लिए पूरे दमखम से प्रचार किया। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और दिग्गज नेताओं ने एकजुट होकर प्रचार किया। हालांकि, कुछ निकायों में आंतरिक असंतोष और नेताओं के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को झटका लगा। 2018 में कांग्रेस ने कोटद्वार और हरिद्वार नगर निगमों में मेयर पद जीता था। इस बार पार्टी ने अधिक निकायों में जीत हासिल करने का दावा किया है।

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