आयोग ने लौटाया प्रवक्ताओं के 613 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव, राज्य आंदोलनकारियों का आरक्षण मामला

आयोग ने लौटाया प्रवक्ताओं के 613 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव, राज्य आंदोलनकारियों का आरक्षण मामला

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को क्षैतिज आरक्षण के मसले पर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण शासन को प्रवक्ता सामान्य शाखा के 550 और महिला शाखा के 63 पदों पर भर्ती के प्रस्ताव को लौटा दिया।

आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने शासन को लौटाए गए प्रस्ताव में कहा कि भर्ती के लिए नया संशोधित प्रस्ताव भेजा जाए। शिक्षा विभाग में प्रवक्ताओं के 3,699 पद खाली हैं, खासकर पर्वतीय जिलों के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। इसी कमी को दूर करने के लिए शासन ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भर्ती का प्रस्ताव भेजा था।

आयोग ने बताया कि प्रवक्ताओं के पदों पर सीधी भर्ती में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी और आश्रितों से संबंधित क्षैतिज आरक्षण के पदों को शामिल किया जाना चाहिए या नहीं। यदि भर्ती में इन्हें शामिल करना है, तो इन पदों का विषयवार विवरण मुहैया कराया जाए।

राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने की भी आवश्यकता है। दिव्यांगजनों के लिए भी इसी तरह का विवरण मांगा गया है। आयोग की ओर से यह भी कहा गया कि राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है।

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आयोग ने कहा कि समान श्रेणी के पदों को अलग-अलग प्रक्रिया से भरना विधिक रूप से उचित नहीं है। शासन ने आठ अगस्त 2024 को भर्ती के लिए संशोधित प्रस्ताव भेजा था, जिसमें दिव्यांगजन के पदों को श्रेणीवार विभाजित किया गया है। इस प्रस्ताव में दिव्यांगजन के 22 पद सामान्य श्रेणी में और महिला शाखा में 2 पद क्षैतिज आरक्षण के तहत दर्शाए गए हैं।

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