कर्त्तव्य पथ पर उत्तराखंड की झांकी: सांस्कृतिक विरासत अनूठा प्रदर्शन

कर्त्तव्य पथ पर उत्तराखंड की झांकी: सांस्कृतिक विरासत अनूठा प्रदर्शन

गणतंत्र दिवस पर कर्त्तव्य पथ पर उत्तराखंड की झांकी ‘सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल’ पर आधारित होगी। इस झांकी को राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुत किया गया। सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी केएस चौहान के नेतृत्व में राज्य के कलाकार इस झांकी का हिस्सा बने हैं।

झांकी के अगले भाग में उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को प्रदर्शित किया गया है। इसमें पारंपरिक वेशभूषा में महिला को ऐपण कला बनाते हुए दिखाया गया है। यह कला उत्तराखंड की सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक धरोहर का प्रतीक है। चावल के आटे और गेरू से बनाई जाने वाली यह कला पूजा स्थलों और घरों के प्रवेशद्वारों पर उकेरी जाती है।

झांकी के ट्रेलर हिस्से में साहसिक खेलों और पर्यटन गतिविधियों को दिखाया गया है। इसमें नैनीताल और मसूरी की हिल साइकिलिंग, केदारकांठा और फूलों की घाटी की ट्रेकिंग, ओली में स्नो स्कीइंग, ऋषिकेश में योगा, बंजी जंपिंग, जिप-लाइनिंग और रॉक क्लाइंबिंग जैसी रोमांचकारी गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया है।

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