उत्तराखंड में ₹1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी की तैयारी, निवेश का दावा—पर ज़मीनी सच्चाई भी जरूरी

उत्तराखंड में ₹1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी की तैयारी, निवेश का दावा—पर ज़मीनी सच्चाई भी जरूरी

उत्तराखंड, 11 जुलाई  – उत्तराखंड सरकार एक बार फिर बड़े औद्योगिक आयोजन की तैयारी में जुट गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक कर रुद्रपुर में प्रस्तावित ₹1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी को समयबद्ध और प्रभावशाली ढंग से आयोजित करने के निर्देश दिए। यह आयोजन राज्य में निवेश लाने की दिशा में बड़ा कदम बताया जा रहा है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शामिल होने की पुष्टि भी की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिले ₹3.5 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में से ₹1 लाख करोड़ की परियोजनाएं अब ग्राउंडिंग स्तर पर पहुंच चुकी हैं। यदि यह सचमुच ज़मीन पर उतरता है, तो यह राज्य के औद्योगिक भविष्य और युवाओं के रोजगार के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।  लेकिन यहां यह सवाल भी जरूरी हो जाता है कि “ग्राउंडिंग” का यह दावा किस स्तर तक व्यावहारिक रूप से सिद्ध है? क्या इन परियोजनाओं ने वास्तविक रूप में काम शुरू कर दिया है या फिर यह सिर्फ आंकड़ों और प्रेस विज्ञप्तियों में सीमित है? राज्य में पहले से घोषित कई निवेश परियोजनाएं अभी तक अधूरी हैं। सड़क, बिजली, पानी जैसे बुनियादी ढांचे की समस्याएं अब भी औद्योगिक विकास में बाधा हैं।

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सरकार का यह प्रयास सराहनीय है कि वह स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और उत्तराखंड को निवेश-अनुकूल राज्य के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही है। लेकिन इसके लिए सिर्फ भव्य आयोजन नहीं, स्थायित्व और पारदर्शिता वाली नीतियों की भी उतनी ही जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आयोजन से जुड़ी व्यवस्थाएं समय से पूर्ण करने और राज्य की सकारात्मक छवि देश-दुनिया में पहुंचाने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, एडीजी ए.पी. अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एमडी उद्योग सौरभ गहरवार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

अब देखना यह है कि यह सेरेमनी केवल प्रतीकात्मक आयोजन बनती है या वास्तव में उत्तराखंड के आर्थिक परिदृश्य में ठोस बदलाव लाती है।

Saurabh Negi

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