उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास विभाग को मिला स्कॉच अवार्ड 2025 का सम्मान

नई दिल्ली/देहरादून – उत्तराखण्ड ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। ग्राम्य विकास विभाग उत्तराखण्ड को उसकी दो अभिनव पहलों – हाउस ऑफ हिमालयाज और मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना (रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर) – के लिए प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया गया। इस अवसर पर देशभर से नीति निर्माता, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ मौजूद रहे।
स्कॉच अवार्ड, जिसकी स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी, भारत में सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल समावेशन के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट प्रयासों को सम्मानित करता है। इस वर्ष उत्तराखण्ड को यह सम्मान समुदाय–केन्द्रित विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिए दिया गया।
हाउस ऑफ हिमालयाज पहल के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों की महिला स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय किसानों के उत्पादों को ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। इस प्रयास से न केवल उत्तराखण्ड के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली, बल्कि स्थानीय समुदाय की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
वहीं, मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना ने राज्य के युवाओं के लिए नई राह खोली। इस योजना के तहत ग्रामीण युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण, व्यवसायिक प्रबंधन और उद्यमशीलता के क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें स्वरोज़गार स्थापित करने में सहायता दी जाती है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े और पलायन में कमी आई।
इस सम्मान को राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई, ग्राम्य विकास की परियोजना समन्वयक एवं अपर सचिव सुश्री झरना कमठान ने प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. प्रमोद बेनीवाल, श्री गोविन्द धामी, श्री गुलजारन कुमार और हाउस ऑफ हिमालयाज से प्रेरणा ध्यानी भी उपस्थित रहे।