उत्तराखंड: राज्य को मिला पहला खेल विश्वविद्यालय, राजभवन ने अध्यादेश को दी मंजूरी
उत्तराखंड के पहले खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राजभवन ने खेल विश्वविद्यालय के संशोधित अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के तहत विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में राज्यपाल द्वारा नामित सदस्य को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी कुलपति बनने का अवसर मिलेगा।
अगस्त 2024 में मानसून सत्र के दौरान खेल विश्वविद्यालय विधेयक विधानसभा में पेश किया गया था। हालांकि, राजभवन ने इसे संशोधन के लिए वापस लौटा दिया था। विधेयक में विश्वविद्यालय कार्यपरिषद में राज्यपाल द्वारा नामित सदस्य की भागीदारी और कुलपति की नियुक्ति के लिए अर्हताओं का अभाव था। इन मुद्दों को संबोधित करते हुए सरकार ने संशोधित अध्यादेश लाया, जिसे मंत्रिपरिषद से स्वीकृति के बाद राजभवन भेजा गया और अब इसे मंजूरी मिल गई है।
कुलपति की नियुक्ति के लिए नए मापदंड
नए अध्यादेश में कुलपति की नियुक्ति के लिए अर्हताओं को स्पष्ट किया गया है। कुलपति बनने के लिए संबंधित व्यक्ति का शैक्षणिक रिकॉर्ड उत्कृष्ट होना चाहिए। इसके अलावा, विश्वविद्यालय प्रणाली में आचार्य, शारीरिक शिक्षा निदेशक, वरिष्ठ खेल प्रशासक, या प्रबंधक के रूप में 10 वर्षों का अनुभव अनिवार्य होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके ख्याति प्राप्त खिलाड़ी भी इस पद के लिए पात्र होंगे।