राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ी, शहीदों को पुष्पवर्षा से श्रद्धांजलि

देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन की रजत जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून न्यायालय परिसर स्थित शहीद स्थल पर राज्य आंदोलन के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद पुलिस लाइन मैदान में आयोजित राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने शहीद आंदोलनकारियों के परिजनों और वरिष्ठ प्रतिभागियों को सम्मानित किया। इस दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर राज्य आंदोलन के वीरों को श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का गठन केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं, बल्कि हजारों आंदोलनकारियों के बलिदान, संघर्ष और संकल्प का परिणाम है। उन्होंने खटीमा, मसूरी और रामपुर तिराहा जैसी घटनाओं को राज्य के इतिहास के अविस्मरणीय अध्याय बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों के सम्मान और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। आंदोलनकारियों को दी जाने वाली पेंशन और सुविधाएँ कृतज्ञता का प्रतीक हैं, न कि सहायता।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं —
- शहीद आंदोलनकारियों के नाम पर उनके क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का नामकरण किया जाएगा।
- आंदोलन के दौरान 7 दिन या अधिक जेल में रहे या घायल हुए आंदोलनकारियों की पेंशन ₹6,000 से बढ़ाकर ₹7,000 प्रति माह की जाएगी।
- अन्य श्रेणी के आंदोलनकारियों की पेंशन ₹4,500 से बढ़ाकर ₹5,500 प्रति माह की जाएगी।
- आंदोलन के दौरान स्थायी रूप से अशक्त हुए आंदोलनकारियों की पेंशन ₹20,000 से बढ़ाकर ₹30,000 प्रति माह की जाएगी, साथ ही एक चिकित्सीय परिचारक की सुविधा दी जाएगी।
- शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों की पेंशन ₹3,000 से बढ़ाकर ₹5,500 प्रति माह की जाएगी।
- वर्ष 2021 तक लंबित पहचान आवेदन छह माह की विस्तारित अवधि में निपटाए जाएंगे।
- राज्य के सभी शहीद स्मारकों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी कदम उत्तराखंड राज्य निर्माण में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों के प्रति सरकार की गहरी श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक हैं।



