उत्तराखंड के शिक्षकों के लिए 50 घंटे का आईसीटी प्रशिक्षण अनिवार्य

उत्तराखंड के सभी राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को 50 घंटे का शिक्षण अधिगम प्रशिक्षण (आईसीटी) लेना अनिवार्य किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत डिजिटल पेडागॉजी को शिक्षण प्रक्रिया में शामिल करने पर जोर दिया गया है। एससीईआरटी के अपर निदेशक प्रदीप कुमार रावत ने माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को पत्र जारी कर शिक्षकों को इस प्रशिक्षण में भाग लेने के निर्देश दिए हैं। यह प्रशिक्षण 31 मार्च 2025 तक पूरा करना अनिवार्य होगा।
एससीईआरटी ने शिक्षकों की डिजिटल दक्षता बढ़ाने के लिए ‘ई-सृजन’ एप तैयार किया है। पूर्व में कई शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण को गंभीरता से नहीं लिया, जिसे उनकी जिम्मेदारी के प्रति उदासीनता माना गया। प्रशिक्षण पूरा करने वाले शिक्षकों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जबकि इसे पूरा न करने वालों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में इसका उल्लेख किया जाएगा।
ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने की शिक्षित समाज के महत्व पर जोर
ल Lansdowne में गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने कहा कि शिक्षित समाज के बिना भारत का विकास संभव नहीं है। उन्होंने विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से ‘सुपर हंड्रेड’ कार्यक्रम से छात्रों को जोड़ने का आह्वान किया। इस योजना के तहत निर्धन छात्रों को देहरादून के वार मेमोरियल हॉस्टल में इंजीनियरिंग और नीट की निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी, जिसमें 70% सीटें पर्वतीय क्षेत्रों के छात्रों के लिए आरक्षित हैं।
रविवार को गढ़वाल रेजीमेंट सेंटर के सुरजन ऑडिटोरियम में उत्तराखंड मानव सेवा समिति दिल्ली द्वारा पौड़ी और टिहरी जनपद के 27 विद्यालयों को कंप्यूटर और प्रोजेक्टर समेत विभिन्न शैक्षणिक सामग्री वितरित की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, समिति के अध्यक्ष वीएन शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी रणजीत सिंह नेगी और जयहरीखाल इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य राजेश्वरी धस्माना ने किया।
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उत्तराखंड मानव सेवा समिति के अध्यक्ष वीएन शर्मा ने बताया कि राज्य के 80 स्कूलों में से 42 पौड़ी जिले के विद्यालयों को इस योजना के तहत शैक्षिक सामग्री दी गई है। पूर्व में रुद्रप्रयाग के 18 विद्यालयों को भी लाभान्वित किया जा चुका है।