उत्तराखण्ड में कार्बन क्रेडिट के लिए नोडल विभाग बनेगा पर्यावरण विभाग

उत्तराखण्ड में कार्बन क्रेडिट के लिए नोडल विभाग बनेगा पर्यावरण विभाग

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में कार्बन क्रेडिट को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए कार्बन क्रेडिट आय के नए स्रोत के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी सभी विभागों से ली गई।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश में पर्यावरण विभाग कार्बन क्रेडिट का नोडल विभाग होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य, जहां अधिकांश भूभाग वन क्षेत्र से आच्छादित है, कार्बन क्रेडिट के माध्यम से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे सकता है बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास के नए अवसर भी पैदा कर सकता है। किसान और स्थानीय समुदाय कार्बन क्रेडिट अर्जित कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बेच सकते हैं जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।

उन्होंने कहा कि वन, कृषि और सहकारिता विभाग में कार्बन क्रेडिट की असीम संभावनाएं हैं। सहकारिता विभाग को निर्देश दिए गए कि वह अपनी प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को इसमें शामिल करे। वन विभाग को कार्बन क्रेडिट और ग्रीन क्रेडिट पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए। कृषि और दुग्ध विकास विभाग को भी इस क्षेत्र में पहल करने को कहा गया।

मुख्य सचिव ने जोर दिया कि कार्बन क्रेडिट से जैव विविधता की रक्षा होगी और सतत जीवनशैली को बढ़ावा मिलेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं के लिए रोजगार और किसानों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर उपलब्ध होंगे।

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बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, सी. रविशंकर, श्रीधर बाबू अद्दांकी, अपर सचिव विनीत कुमार, हिमांशु खुराना तथा नाबार्ड के प्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

Saurabh Negi

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