उत्तराखंड में गुजरात-महाराष्ट्र मॉडल पर बिना बजट बसेंगे नए शहर, कैबिनेट ने टाउन प्लानिंग स्कीम को मंजूरी दी

उत्तराखंड में गुजरात-महाराष्ट्र मॉडल पर बिना बजट बसेंगे नए शहर, कैबिनेट ने टाउन प्लानिंग स्कीम को मंजूरी दी

उत्तराखंड में बढ़ते शहरी दबाव को देखते हुए अब नए शहर बसाने की प्रक्रिया आसान हो गई है। राज्य सरकार ने बुधवार को उत्तराखंड टाउन प्लानिंग स्कीम (क्रियान्वयन) नियम 2025 को मंजूरी दे दी। इसके तहत गुजरात और महाराष्ट्र की तर्ज पर शून्य-बजट मॉडल में नए शहर और सैटेलाइट टाउन विकसित किए जाएंगे।

गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों में टीपीएस मॉडल सफल रहा है। गुजरात में अहमदाबाद और सूरत की अधिकतर शहरी भूमि इसी योजना के तहत विकसित हुई है। इस मॉडल से विनिर्माण, निर्माण और रियल एस्टेट क्षेत्र को मजबूती मिली है, जो राज्य की जीएसडीपी का बड़ा हिस्सा योगदान करते हैं। महाराष्ट्र में नैना और पुणे मेट्रोपॉलिटन रीजन भी इसी योजना से विकसित किए गए।

टीपीएस के तहत बिना जबरन भूमि अधिग्रहण के सड़कें, बिजली, जल निकासी, पार्क और सामाजिक सुविधाएं विकसित होंगी। सरकार कम लागत में योजनाबद्ध शहर विकसित कर सकेगी, जबकि लागत की वसूली बेटरमेंट चार्ज से होगी। यह सहभागी और स्वैच्छिक मॉडल होगा, जिससे भूमि विवाद घटेंगे। प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि इस योजना से आवास, व्यापार और उद्योग के लिए पर्याप्त शहरी भूमि उपलब्ध हो सकेगी।

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योजना के पहले चरण में विकास प्राधिकरण या भूमि-मालिक टीपीएस क्षेत्र की पहचान करेंगे और ड्राफ्ट स्कीम तैयार होगी। दूसरे चरण में आपत्तियां-सुझाव लेकर हाई-पावर्ड कमेटी से अंतिम स्वीकृति ली जाएगी। अंतिम चरण में भूमि-मालिकों को लेटर ऑफ अवॉर्ड और ऑनरशिप सर्टिफिकेट जारी होंगे तथा पुनर्गठित प्लॉट का कब्जा सौंपा जाएगा। इसके बाद अंतिम टीपीएस लागू होगा।

Saurabh Negi

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