उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू, इतिहास रचते हुए देश का पहला राज्य बना

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू, इतिहास रचते हुए देश का पहला राज्य बना

उत्तराखंड ने आज ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in और नियमावली का लोकार्पण किया। इस अवसर पर यूसीसी की अधिसूचना भी जारी की गई। इसके साथ ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया।

यूसीसी लागू करने की प्रक्रिया
27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति के गठन के साथ इस पहल की शुरुआत हुई। समिति ने 2 फरवरी 2024 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। इसके बाद, 8 मार्च 2024 को विधेयक विधानसभा से पारित हुआ। राष्ट्रपति ने 12 मार्च 2024 को इसे मंजूरी दी। तकनीकी और प्रशासनिक तैयारी के तहत, नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल और प्रक्रियाएं विकसित की गईं। बीती 20 जनवरी को कैबिनेट ने यूसीसी की नियमावली को अंतिम रूप देकर पारित किया।

यूसीसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कई स्तरों पर मॉक ड्रिल आयोजित की गईं। शुक्रवार को मॉक ड्रिल के बाद सभी समस्याओं का समाधान किया गया। आज दोपहर 12:30 बजे मुख्यमंत्री ने नियमावली का लोकार्पण किया।

समाज पर सकारात्मक प्रभाव
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसे प्रदेश के लिए गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि समिति ने वर्षों की मेहनत से यूसीसी को तैयार किया है। यूसीसी समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने पंजीकरण प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री धामी के विचार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक दिन को देवभूमि के लिए गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा, “यूसीसी रूपी गंगा उत्तराखंड से निकली है। यह सभी नागरिकों और धर्मों की महिलाओं के अधिकारों को समान बनाता है।” उन्होंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, विधानसभा सदस्यों, आईटी और पुलिस विभाग का आभार व्यक्त किया।

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