उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही : टेंट में सो रहे मजदूर बहे, मलबे में दबे 9 मजदूरों में से 2 के शव मिले

उत्तरकाशी जनपद के सिलाई बैंड क्षेत्र में शनिवार रात करीब एक बजे बादल फटने से भीषण तबाही मच गई। तेज बारिश और नाले में अचानक आए उफान से निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के टेंट बह गए। हादसे के समय अधिकतर मजदूर गहरी नींद में थे। कुछ मजदूर पानी की ठंड से जागे और जान बचाने में सफल रहे, लेकिन जो नहीं जाग पाए, वे मलबे के साथ बह गए।
घटना में बाल-बाल बचे नेपाल निवासी मजदूर हरिकृष्ण चौधरी ने बताया कि टेंटों में मजदूर चार से छह की संख्या में अलग-अलग सो रहे थे। रात में अचानक पानी टेंटों में घुसा। ठंड से बदन कांपने लगा तो कुछ लोग उठे, तभी मलबा और तेज बहाव आ गया। उन्होंने साथियों को आवाज दी, लेकिन कई को उठाने का मौका ही नहीं मिला। कुछ मजदूरों ने जान बचाने के लिए टेंट की प्लाई तोड़कर बाहर छलांग लगाई। कीर्ति बहादुर नाम के मजदूर ने बताया कि दरवाजा पानी और मलबे के दबाव से जाम हो गया था, मजबूरन उन्हें दीवार तोड़कर बाहर निकलना पड़ा। बचे हुए मजदूरों के पास अब कपड़े तक नहीं हैं। उन्होंने बताया कि कई लोग पैसे और सामान बचाने की कोशिश में पीछे रह गए और बह गए।
दो शव मिले, सात अब भी लापता
SDRF और पुलिस टीम ने तत्काल रेस्क्यू अभियान शुरू किया। रविवार को यमुना नदी में दो शव बरामद हुए जिनकी पहचान दूजेलाल (55, पीलीभीत) और केवल बिष्ट (43, नेपाल) के रूप में हुई। लापता 7 मजदूरों में नेपाल व देहरादून के निवासी शामिल हैं। उनकी तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
ये मजदूर हैं लापता:
- रोशन चौधरी (37), नेपाल
- अनवीर धामी (40), नेपाल
- कल्लूराम चौधरी (60), नेपाल
- जयचंद (38), कालिदास रोड, देहरादून
- छोटू (22), कालिदास रोड, देहरादून
- प्रियांश (20), कालिदास रोड, देहरादून
- सर कटेल धामी (32), देहरादून
कई जगह हाईवे बंद, यात्रा प्रभावित
यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ से सिलाई बैंड तक कई जगहों पर 20 से 30 मीटर तक सड़क बह गई है। जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम जारी है। उधर, बड़कोट, ओजरी और झर्झरगाड़ क्षेत्रों में भी सड़कों को नुकसान पहुंचा है। गंगोत्री हाईवे भी कई घंटों तक बाधित रहा।
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बदरीनाथ और नैनीताल हाईवे भी बाधित
मूसलाधार बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे भी रविवार सुबह कमेड़ा और उमट्टा क्षेत्रों में बाधित रहा। उमट्टा में पहाड़ी से विशाल बोल्डर सड़क पर गिर गया जिससे दो घंटे यातायात ठप रहा। स्थानीय लोगों की मदद और प्रशासन की तत्परता से बाद में रास्ता खुल सका। वहीं नैनीताल हाईवे पर रंडोली गदेरे में भी दो घंटे तक यातायात बाधित रहा।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि बचाव अभियान जारी है। सभी प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक टीमें तैनात हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान पहाड़ी इलाकों की यात्रा से बचें।