सदन में उपद्रव पर भावुक हुए वेंकैया नायडू, बोले- राज्यसभा की पवित्रता चली गई

सदन में उपद्रव पर भावुक हुए वेंकैया नायडू, बोले- राज्यसभा की पवित्रता चली गई

नई दिल्ली,  पेगासस जासूसी कांड, कृषि सुधार के कानूनों और महंगाई समेत अन्य कई मसलों को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। इस बीच लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चित काल तक के लिए और हंगामे के कारण राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक स्थगित किया गया है। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू मंगलवार को विपक्षी सांसदों के हंगामे पर बोलते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि कल इस सदन की सारी पवित्रता तबाह हो गई। वहीं, लोकसभा में पारित 127वां संविधान संशोधन विधेयक के आज राज्यसभा से भी पारित किए जाने की उम्मीद है। इसमें राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग की अपनी सूची बनाने का अधिकार बहाल किया गया है। सरकार के लगभग सभी अहम विधेयक पारित हो चुके हैं, जो कुछ रह गए हैं वो बुधवार को राज्यसभा में पारित हो जाएंगे।

– 17वीं लोकसभा का 6वां सत्र आज सम्पन्न हुआ। इस सत्र में अपेक्षाओं के अनुरुप सदन का कामकाज नहीं हुआ। इसे लेकर मेरे मन में दुख है। मेरी कोशिश रहती है कि सदन में अधिकतम कामकाज हो, विधायी कार्य हो और जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

– बार-बार गुहार लगाने के बाद भी सरकार ने सदन में पेगासस पर चर्चा का मौका नहीं दिया। अंतिम दिन तक चर्चा नहीं हुई। सरकार राज्यसभा और लोकसभा में पेगासस पर अलग-अलग बयान देती है। इस पर रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय अलग-अलग बयान देते हैं: अधीर रंजन चौधरी

– जो पार्टी 2 वर्ष तक अपना अध्यक्ष न चुन पाए, जिस पार्टी के सांसद अपनी ही सरकार के बिल फाड़ दें। जो पार्टी सदन न चलने दे, जो सड़क पर भी कोई करने से शर्म महसूस करे वैसा काम सदन में करे।समझ सकते हैं कि लोकतंत्र को कितना शर्मसार करने का काम किया जा रहा है: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर

– ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई माननीय सांसद(प्रताप सिंह बाजवा) रूल बुक लेकर चेयर पर फेंके और अधिकारियों की टेबल पर चढ़े। ये दुर्भाग्यपूर्ण नज़ारा है, अगर वो इसपर सफाई देते हैं तो ये और दुर्भाग्यपूर्ण है: केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल

– उच्च सदन में गिरावट लगातार जारी है। कांग्रेस वहां नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में है। सदन को नहीं चलने देना, मंत्री के हाथ से कागज़ छीनकर फाड़े गए। कल तो आसन्दी पर पुस्तकें फेंकी गई। निंदा के लिए शब्द नहीं हैं: केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल

– लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलने वाला था।

– मुझे उत्तर प्रदेश को देखकर ऐसा लगता है कि पिछड़ा वर्ग अभी पिछड़ा हुआ है, कुछ एक-दो समाज को छोड़कर। अगर जातिगत जनगणना होती है तो उससे OBC को फायदा होने वाला है: भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य

– राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू कल राज्यसभा में हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह, सदन के नेता पीयूष गोयल और अन्य भाजपा सांसदों ने आज सुबह वेंकैया नायडू से मुलाकात की: सूत्र

– सरकार कह रही है कि कृषि कानूनों में कमियां क्या हैं। कमियां तो हमने बता दिया। किसानों की जो स्थिति आजादी के पहले थी वो स्थिति फिर आ जाएगी। हम चाहते हैं कि वे 3 कानून वापस लें: मल्लिकार्जुन खड़गे

– किसान आंदोलन 9वें महीने में प्रवेश कर गया। कृषि मंत्री कौन सी गरिमा का निर्वहन कर रहे हैं? सदन में कल जो हुआ वो कतई उचित नहीं था लेकिन जो किसानों के साथ हो रहा है वो कतई उचित नहीं है। आज बहुत से ऐसे मुद्दे उठाए जाएंगे जहां सरकार की खोखली सांकेतिकता पर सवाल उठेंगे: मनोज झा, आरजेडी

– यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल सरकार ने इस मुद्दे (कोविड) पर उचित ध्यान नहीं दिया। मेरी जानकारी के अनुसार केरल में वैक्सीन वितरण भी व्यवस्थित तरीके से नहीं हो रहा। केरल सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए। केरल में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी बहुत खराब है: केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन

– संसद में जितना शर्मनाक और घिनौना तांडव हमने देखा है ऐसा कभी नहीं देखा था। वे इस अराजकता और उद्दंडता पर शर्मिंदा होने की बजाय अहंकार दिखा रहे हैं। पहले कहते रहे कि किसानों के मुद्दे पर चर्चा करो। अब बोल रहे हैं चर्चा नहीं करेंगे, हंगामा करेंगे: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी

– कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ मीडिया रिपोर्ट पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। वहीं, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।

राज्यसभा में मंगलवार को कृषि संकट पर चर्चा शुरू होने के साथ ही विपक्षी दलों के सदस्य वेल में आ गए और जमकर हंगामा किया। एक मौका ऐेसा भी आया, जब कुछ विपक्षी सदस्य महासचिव की टेबल पर चढ़ गए। सदन में हुए जबर्दस्त हंगामे पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि एक ओर कृषि से जुड़े विभिन्न मसलों पर चर्चा कराई जा रही है। लेकिन कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियां अलोकतांत्रिक रवैया अपना रही है।

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