वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश, विपक्ष ने जताई नाराजगी

राज्यसभा में गुरुवार को वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने नाराजगी जाहिर की। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रिपोर्ट को एकतरफा बताते हुए आरोप लगाया कि उनकी असहमति को दर्ज नहीं किया गया। विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि रिपोर्ट में डिसेंट नोट को नजरअंदाज किया गया है।
खड़गे ने रिपोर्ट को असंवैधानिक बताया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रिपोर्ट को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा कि इसे वापस जेपीसी को सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसदों की राय को दबाया गया और बाहरी लोगों को स्टेक होल्डर के रूप में शामिल किया गया।
टीएमसी का भी विरोध, सरकार ने आरोपों को किया खारिज
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी कहा कि जेपीसी रिपोर्ट में उनकी असहमति को शामिल नहीं किया गया। हालांकि, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि रिपोर्ट में विपक्ष की राय को भी जगह दी गई है।
जेपीसी चेयरमैन का बयान
जेपीसी के चेयरमैन जगदम्बिका पाल ने कहा कि समिति ने लगभग छह महीनों तक सभी पक्षों की राय सुनी और सभी सुझावों पर मतदान कराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बहुमत के फैसले को स्वीकार किया गया, जबकि अल्पमत को खारिज कर दिया गया, जो संसदीय प्रक्रिया का हिस्सा है।