वक्फ संशोधन विधेयक के लिए तीन राज्यों से जानकारी पर संतुष्ट नहीं संसदीय समिति, 15 दिन में मांगा विस्तृत जवाब

वक्फ संशोधन विधेयक के लिए तीन राज्यों से जानकारी पर संतुष्ट नहीं संसदीय समिति, 15 दिन में मांगा विस्तृत जवाब

वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 की समीक्षा कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश के प्रतिनिधियों से वक्फ संपत्तियों की स्थिति को लेकर जानकारी मांगी थी। गुरुवार को हुई बैठक में समिति इन तीन राज्यों द्वारा प्रस्तुत जवाबों से संतुष्ट नहीं हुई। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि राज्यों से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, उपयोग, आय, और स्वामित्व में हुए परिवर्तनों के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। हालांकि, प्रस्तुत ब्योरा मानकों के अनुरूप नहीं था। अब राज्यों को 15 दिन का समय दिया गया है, और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें दोबारा बुलाया जाएगा।

समिति ने 18 से 20 जनवरी तक कोलकाता, पटना, और लखनऊ का दौरा करने का निर्णय लिया है, जहां वह वक्फ संपत्तियों के विभिन्न हितधारकों से चर्चा करेगी। इसके अलावा, कुछ सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर दौरे की भी इच्छा व्यक्त की है, जिस पर निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से परामर्श के बाद लिया जाएगा।

कार्यकाल में विस्तार
समिति के कार्यकाल को बजट सत्र 2025 के आखिरी दिन तक बढ़ा दिया गया है। पहले यह रिपोर्ट इस सप्ताह के अंत तक सौंपनी थी, लेकिन समिति ने कार्यकाल बढ़ाने की सिफारिश की थी, जिसे लोकसभा ने मंजूरी दे दी।

विधेयक की पृष्ठभूमि
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने 8 अगस्त 2024 को वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था। साथ ही, निष्क्रिय पुराने अधिनियम को हटाने के लिए ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ भी प्रस्तुत किया गया। नए विधेयक का नाम ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम’ (UMMEED) रखा गया है। विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध किया था, जिसके चलते इसे चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया।

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