राजस्व रिकॉर्ड में नहीं चढ़ीं वक्फ बोर्ड की 90 संपत्तियां, संशोधन कानून से नुकसान की आशंका

राजस्व रिकॉर्ड में नहीं चढ़ीं वक्फ बोर्ड की 90 संपत्तियां, संशोधन कानून से नुकसान की आशंका

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को गठन के बाद से अब तक राज्य भर से 90 नई संपत्तियों के प्रस्ताव मिले हैं, लेकिन ये आज तक राजस्व रिकॉर्ड में शामिल नहीं हो सकीं। वक्फ बोर्ड ने नियमानुसार जिलाधिकारियों को सभी प्रस्ताव भेजे, वेरिफिकेशन रिपोर्ट भी तैयार हुई, मगर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। अब नए वक्फ संशोधन कानून के चलते इन संपत्तियों के अस्तित्व पर खतरे की आशंका जताई जा रही है।

5 अगस्त 2003 को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की स्थापना के बाद राज्य के 2146 औकाफ और 5388 वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन बोर्ड के अधीन आया। वर्ष 2013 के वक्फ संशोधन कानून के बाद से करीब 50 नई संपत्तियां शामिल हुईं। परंतु शासन की सुस्ती के चलते ये संपत्तियां अब तक सरकारी राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई हैं।

बोर्ड के मुताबिक, जिलाधिकारियों को बार-बार प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन किसी ने रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया। इसके चलते ये संपत्तियां वक्फ के आंतरिक दस्तावेजों में तो दर्ज हैं, मगर कानूनी तौर पर सरकारी मान्यता से वंचित हैं।

इधर, नए संशोधन कानून के लागू होने के बाद समुदाय में आशंका है कि इन संपत्तियों को वक्फ से हटाया जा सकता है। हालांकि वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि उन्हें अभी तक ऐसा कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। सभी जिलों से राजस्व रिकॉर्ड अपडेट की प्रक्रिया के पूरे होने का इंतजार है।

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