सीताखूना में जल संकट, जल जीवन मिशन योजना नाकाम, समस्याओं को कब सुनेगा प्रशासन?
पिथौरागढ़ में सीताखूना, और मल्ला काकड़पानी की महिलाओं और ग्रामीणों को पानी की बूंद-बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जल जीवन मिशन के तहत यहां पर एक पेयजल योजना बनाई गई थी, लेकिन पहली ही बारिश में यह योजना पूरी तरह नाकाम हो गई। पाइपलाइन बह गई, जिससे ग्रामीणों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। स्थानीय लोग खासकर महिलाएं लंबी दूरी तय कर पानी लाने को मजबूर हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि लोग प्रशासन और सरकार की अनदेखी से हताश हो चुके हैं। गांव सीमालेटी और मल्ला काकड़पानी के निवासी लगभग 19 महीनों से पेयजल की मांग कर रहे हैं ।
कुछ इस तरह लाना पड़ता है ग्रामीडों को पानी – (वीडियो देखें)
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गांव की महिलाओं का दर्द: बुनियादी सुविधाओं के लिए भी करनी पड़ती है जद्दोजहद –
सीताखूना की महिलाओं की जिंदगी रोजाना पानी के लिए संघर्ष करने में बीत रही है। गांव में पर्याप्त जल आपूर्ति न होने के कारण वे घंटों लंबी दूरी तय करके पानी लाती हैं। उनकी शिकायत है कि सरकार बैठकों में बिसलेरी की बोतलें सजाकर बैठती है, लेकिन उन्हें अपनी प्यास बुझाने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। महिलाओं की मांग है कि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचे और जल्द से जल्द पानी की समस्या का समाधान निकाला जाए।
अधिकारियों के दावों पर ग्रामीणों का आरोप: कागजों में सब कुछ सही, हकीकत में हालात बेकाबू
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सीमालेटी गांव को कागजों में लाभांवित दिखाया गया है, जबकि असलियत में यहां के ऊंचाई वाले इलाकों में पानी की भारी किल्लत है। बासुकीनाग पेयजल योजना के तहत पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले 19 महीनों से लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब प्रशासन की नींद खुलेगी और उन्हें उनकी बुनियादी जरूरतें मिलेंगी?
सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायतें, लेकिन कोई सुनवाई नहीं
ग्रामीणों ने आरोप लगया है कि सीमालेटी मल्ला काकड़पानी के करीब 125 लोगों ने सीएम पोर्टल पर पानी की समस्या की शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन अधिकारियों ने फर्जी नामों पर 18 कनेक्शन दिखाकर गांव को लाभांवित घोषित कर दिया और बिना निरीक्षण के क्लोजर रिपोर्ट बना दी गई। ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब कागजों में हेराफेरी कर किया गया है और असल स्थिति से कोसों दूर है। लोगों का सवाल है कि क्या इस तरह की धोखाधड़ी पर कोई कार्रवाई होगी, या उन्हें यूं ही संघर्ष करते रहना पड़ेगा?
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ग्रामीणों की मांग: मुख्यमंत्री से न्याय की अपील
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। उनका कहना है कि अगर बैठकों में नेताओं की टेबल पर बिसलेरी की बोतलें सज सकती हैं, तो जनता को भी बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए। ग्रामीण उम्मीद लगाए बैठे हैं कि मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही समाधान के लिए कदम उठाएंगे।
न्याय की गुहार: क्या प्रशासन करेगा सही कार्रवाई?
सीताखूना के लोगों का कहना है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह नहीं चाहते, लेकिन उनकी वास्तविक समस्याएं सामने आएं और समाधान हो। प्रशासन को चाहिए कि वह गांव का निरीक्षण करे और यह सुनिश्चित करे कि जल जीवन मिशन की योजना ठीक से लागू हो। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सरकार को केवल कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर काम करना चाहिए ताकि लोगों को उनकी बुनियादी जरूरतें आसानी से मिल सकें।
दूसरी तरफ गंगोलीहाट विधायक फ़कीर राम टम्टा का कहना है कि उन्होंने ये शिकायत जल निगम और जल संसथान पर देरी का आरोप लगाया है, उसका कहना है इसकी शिकायत शासन और प्रशासन से की है लेकिन फिर भी इस काम में देरी हो रही है और अगर इसमें कार्यवाही नहीं होती तो आगामी विधान सभा सत्र में इस मुद्दे को सत्र में उठाएंगे। लेकिन फिर भी स्थानीय लोगों को समस्या को झेलना पड़ रहा है।