कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ की टीम चीन के वुहान पहुंची
विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में 10 विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम गुरुवार को चीन के वुहान पहुंच गई है। यह टीम पता लगाएगी कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति वुहान से हुई या नहीं। शुरुआती आनाकानी और अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकते हुए चीन ने डब्ल्यूएचओ की टीम को अपने यहां आने की अनुमति दी है। बीजिंग पर यह आरोप है कि उसके वुहान शहर स्थित लेबोरेटरी से ही वैश्विक महामारी का कारण बनने वाला कोविड-19 वायरस पैदा हुआ और यहीं से पूरी दुनिया में फैल गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले यह आरोप लगाया था और इसे चीनी वायरस करार दिया था।
डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की टीम खासतौर पर वायरस का केंद्र रहे वुहान भी जाएगी। दिसंबर, 2019 में इसी शहर में कोरोना का पहला मामला मिला था। ट्रंप समेत दुनिया के कई नेताओं के आरोपों के बाद डब्ल्यूएचओ ने वायरस का स्रोत जांचने के लिए चीन जाने की बात कही थी, लेकिन शुरआत में बीजिंग इसके लिए तैयार नहीं था। वह डब्ल्यूएचओ की दस सदस्यीय टीम को अनुमति देने में आनाकानी कर रहा था।
चीन के रवैये की पूरी दुनिया में आलोचना
चीन के इस रवैये की पूरी दुनिया में आलोचना हुई और बीजिंग समर्थक माने जाने वाले डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने भी इस कम्युनिस्ट देश की कठोर शब्दों में निंदा की थी। डब्ल्यूएचओ प्रमुख की फटकार के बाद चीन सक्रिय हुआ। गत नौ जनवरी को चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उप प्रमुख जेंग ईझिन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की टीम चीन आएगी और उसके दौरे की तारीख को लेकर बातचीत चल रही है।
कुछ हासिल होने की उम्मीद नहीं
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, डब्ल्यूएचओ से जु़ड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञ डेल फिशर का कहना है कि चीन दौरे से कुछ खास हासिल होने की उम्मीद नहीं है। इसलिए डब्ल्यूएचओ टीम के दौरे को लेकर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है। कोई नतीजा निकलने की उम्मीद बेहद कम है।