चारधाम यात्रा: यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर बर्फ का कब्जा, टूटी रेलिंग और क्षतिग्रस्त पुल से बढ़ी मुश्किलें

चारधाम यात्रा: यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर बर्फ का कब्जा, टूटी रेलिंग और क्षतिग्रस्त पुल से बढ़ी मुश्किलें

चारधाम यात्रा की तैयारियों के बीच यमुनोत्री धाम का पैदल मार्ग अभी भी बर्फ से ढका हुआ है। शासन-प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद, अब तक यहां से बर्फ नहीं हटाई गई है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए यह सफर जोखिम भरा बना हुआ है। पैदल मार्ग के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हैं, और कई जगहों पर रेलिंग टूटी हुई है।

2.5 किमी तक बर्फ से ढका मार्ग, टूटा पुल बना बाधा
करीब पांच किलोमीटर लंबे जानकीचट्टी-यमुनोत्री पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन से नुकसान हुआ है। भंडेलीगाड़ भूस्खलन क्षेत्र के साथ अन्य जगहों पर भी मार्ग क्षतिग्रस्त है। सबसे अधिक प्रभावित हिस्सा भैरव मंदिर से यमुनोत्री धाम तक का 2.5 किलोमीटर लंबा मार्ग है, जो अभी भी पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है। इस कारण रेलिंग टूट गई हैं और कई जगहों पर गिरे पेड़ व मलबा रास्ता बाधित कर रहे हैं।

यही नहीं, आपदा के दौरान यमुनोत्री धाम में नदी के उस पार जाने के लिए बनाया गया फोल्डिंग पुल भी बह गया था, जिसे अब तक दोबारा नहीं बनाया गया है।

30 अप्रैल को खुलेंगे कपाट, श्रद्धालुओं की बढ़ सकती हैं परेशानियां
यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलने वाले हैं, लेकिन यात्रा से पहले मार्ग को सुचारु करने की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बीते दिनों कुछ तीर्थयात्रियों ने जोखिम उठाकर किसी तरह यमुनोत्री धाम तक पहुंचने की कोशिश की थी, जिससे मार्ग की बदहाल स्थिति सामने आई।

यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल, पंच पंडा समिति के सचिव गिरीश उनियाल, मनमोहन उनियाल और अरविंद उनियाल समेत तीर्थ पुरोहितों ने प्रशासन से मांग की है कि यात्रा से पहले मार्ग की मरम्मत कर इसे सुरक्षित बनाया जाए। इसके अलावा, फोल्डिंग पुल का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो।

प्रशासन का दावा: जल्द होगा समाधान
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ऋषिराज वर्मा ने बताया कि मार्ग को दुरुस्त करने और पुल के पुनर्निर्माण की स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

Saurabh Negi

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