यमुनोत्री हाईवे पर पांच जगह सड़क बही, 850 यात्रियों को सुरक्षित रोका गया चारधाम यात्रा फिर फंसी

उत्तरकाशी में कल देर रात (शनिवार ) हुई भारी बारिश ने यमुनोत्री यात्रा को एक बार फिर रोक दिया है। पालीगाड से ओजरी के बीच पांच स्थानों पर सड़क का करीब 30 मीटर हिस्सा बह गया। इससे यमुनोत्री धाम की ओर जा रहे 850 से अधिक यात्रियों को प्रशासन ने अलग-अलग सुरक्षित स्थानों पर रोका हुआ है। वहीं गंगोत्री हाईवे भी चार जगहों पर मलबा आने से आज दिन में करीब दस घंटे बंद रहा।
यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड, झर्झरगाड, कुथनौर, सिलाई बैंड और ओजरी के पास नदियों और नालों के उफान पर आने से सड़क बह गई। कई स्थानों पर पहाड़ से मलबा और पानी लगातार गिरता रहा, जिससे एनएच विभाग की टीम को काम शुरू करने में देर लगी। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि यात्रियों को सुरक्षित शिविरों में रोका गया है और उनकी हर आवश्यकता का ध्यान रखा जा रहा है।
गंगोत्री हाईवे पर नेताला, लालढांग, बिशनपुर, डबराणी और सोनगाड के पास भारी मलबा आने से आवागमन ठप रहा। बीआरओ की मशीनों ने बिशनपुर और लालढांग मार्ग तीन घंटे की मेहनत के बाद खोला, लेकिन डबराणी और सोनगाड के बीच रास्ता खोलने में दस घंटे लगे। इस दौरान सड़क किनारे फंसे यात्रियों को प्राथमिकता से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
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स्थानीय लोगों ने बताया कि सिलाई बैंड और कुथनौर के पास बादल फटने जैसे हालात बने। नाले सामान्य से कई गुना अधिक बहने लगे, जिससे सड़कें कट गईं और पुलों पर खतरा बना रहा। झर्झरगाड क्षेत्र में भी सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया।
प्रशासन ने गंगोत्री से लौट रहे यात्रियों को ऋषिकेश और देहरादून की ओर डायवर्ट किया है। वहीं यमुनोत्री मार्ग पर एनएच विभाग की टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन सड़क बहने के कारण सामान्य स्थिति बहाल होने में समय लग सकता है। जिलाधिकारी ने बताया कि फिलहाल चारधाम यात्रियों को रूट अपडेट के बिना यात्रा पर न निकलने की अपील की गई है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। चारधाम यात्रा एक बार फिर बारिश के कहर की चपेट में है और प्रशासन अब रूट और मौसम की निगरानी के साथ रियल टाइम अपडेट की प्रक्रिया तेज कर रहा है।