यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में इंडिया गेट के पास कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और एक ट्रैक्टर में लगाई आग

यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में इंडिया गेट के पास कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और एक ट्रैक्टर में लगाई आग

हाल में ही संसद से पारित हुए कृषि कानून के खिलाफ पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में कुछ किसान भी शामिल बताए जा रहे हैं। शहीद भगत सिंह की तस्वीर लेकर प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक ट्रैक्टर में आग लगा दी। बताया जा रहा है कि यह ट्रैक्टर पंजाब से ही  लाया गया था।

मिली जानकारी के अनुसार, सुबह 7 बजे से साढ़े सात बजे के करीब ये प्रदर्शनकारी इंडिया गेट पर एकट्ठा हुए और प्रदर्शन करने लगे। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों को देखते ही ये लोग वहां से चले गए। पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार यह कानून वापस ले। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नया कृषि कानून किसानों के खिलाफ है।

बता दें कि आज यानी 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह की जयंती है। देश शहीद भगत सिंह को याद कर रहा है। इस बीच कांग्रेस ने शहीद भगत सिंह की जयंती पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इसी क्रम में बड़ी संख्या में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता इंडिया गेट पर सोमवार सुबह ही पहुंच गए और धरना प्रदर्शन करने लगे।

कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी

दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि सुधार से जुड़े तीन विधेयकों को रविवार रात को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही तीनों विधेयक अब कानून बन गए हैं। इनमें कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक शामिल हैं। इस संबंध में एक गजट अधिसूचना प्रकाशित की गई है।

कृषि सुधार का मार्ग प्रशस्त करने वाले इन तीनों विधेयकों को संसद ने मानसून सत्र में विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच पारित किया था। नया कानून बन जाने के बाद किसान देश में कहीं भी अच्छी कीमत पर अपना उत्पाद बेच सकेंगे। विधेयक का विरोध कर रहे विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से इन्हें मंजूरी नहीं देने का अनुरोध किया था। जिस तरह से इन विधेयकों को संसद से पारित किया गया, उसे विपक्षी दल असंवैधानिक और संसदीय परंपराओं का अपमान बता रहे हैं।

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