युवा अवस्था में बढ़ते हृदय रोगों पर विशेषज्ञों की चिंता, देहरादून में हार्ट वाइस-18 कैंपेन से दी चेतावनी

देहरादून – श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में 28 से 30 अप्रैल तक ‘हार्ट वाइस-18’ शीर्षक से तीन दिवसीय विशेष जागरूकता कैंपेन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 18 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं में बढ़ रहे हृदय रोगों को लेकर जागरूकता फैलाना और उनका शुरुआती मूल्यांकन करना था। देश-विदेश में युवाओं में अचानक हृदयाघात (हार्ट अटैक) के बढ़ते मामलों ने चिकित्सा जगत को सतर्क कर दिया है। इस कैंपेन में 623 युवाओं की व्यापक जांच की गई, जिनमें छात्र-छात्राएं, नर्सिंग स्टाफ और नॉन-मेडिकल सहयोगी शामिल थे।
कैंपेन में विशेष रूप से “जैनेटिक डिस्लिपिडिमिया” विषय को केंद्र में रखा गया। प्रो. डॉ. तनुज भाटिया, कैथ लैब डायरेक्टर, ने बताया कि युवा पीढ़ी में हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण अनियंत्रित लिपिड प्रोफाइल, अत्यधिक तैलीय और जंक फूड का सेवन, धूम्रपान की लत और व्यायाम की कमी है। उन्होंने कहा कि जीवनशैली की इन बुरी आदतों के चलते युवाओं में रक्त में कोलेस्ट्रॉल असंतुलन सामान्य हो गया है, जो गंभीर परिणामों का कारण बन सकता है।
कैंपेन के दौरान 27 वर्षीय एक शिक्षक राघव का मामला सामने आया, जिसे पढ़ाते समय अचानक चक्कर आया और वह गिर पड़े। जांच में पाया गया कि उन्हें पल्मोनरी एम्बोलिज्म हुआ था, जिसमें रक्त का थक्का हृदय और फेफड़े के बीच जाकर जम जाता है। अस्पताल में उन्हें ‘पेनम्ब्रा तकनीक’ से उपचारित किया गया और अब वह पूर्णतः स्वस्थ हैं। इस मामले को कैंपेन के तहत विशेष अध्ययन केस के रूप में प्रस्तुत किया गया।
कैंपेन में बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ की सुपुत्री कृष्णा श्रॉफ विशेष रूप से मुंबई से पहुंचीं और उन्होंने युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह बेहद आवश्यक है कि युवा वर्ग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो और नियमित जांच कराएं। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों की टीम को इस कार्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस कार्यक्रम में श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज की छात्राओं ने भारी संख्या में भाग लिया। प्रतिभागियों ने इसे न केवल ज्ञानवर्धक बल्कि अपने करियर और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बताया। अस्पताल प्रशासन ने जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन के लिए पूरी टीम को बधाई दी और भविष्य में इस प्रकार के कैंपेन को जारी रखने की बात कही।
कैंपेन का मूल उद्देश्य युवाओं को यह समझाना रहा कि हृदय रोग अब केवल वृद्धावस्था की बीमारी नहीं रही। यदि समय रहते चेतावनी के संकेतों को समझा जाए और जीवनशैली में बदलाव लाया जाए, तो इन बीमारियों से बचाव संभव है।