प्रदेश में छह हजार एकड़ का लैंड बैंक तैयार, भू-कानून सहित इन मुद्दों पर सीएम के जवाब

प्रदेश में छह हजार एकड़ का लैंड बैंक तैयार, भू-कानून सहित इन मुद्दों पर सीएम के जवाब
अमर उजाला से बातचीत में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भू कानून, महिलाओं और राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण, पलायन और स्वरोजगार से जुड़े प्रश्नों के जवाब दिए। मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान बताया कि प्रदेश में छह हजार एकड़ का लैंड बैंक तैयार कर लिया गया है। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में 6000 एकड़ भूमि का लैंड बैंक तैयार कर लिया है। 57 स्थानों पर भूमि चिह्नित की गई है, जिसमें औद्योगिक इकाइयों के साथ फाइव स्टार होटल, फिल्म सिटी और कोटा की तर्ज पर कोचिंग हब तैयार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ते कर्ज को कम करने के लिए सरकार आय बढ़ाने और फिजूलखर्ची रोकने के उपाय कर रही है। अमर उजाला से विशेष साक्षात्कार में मुख्यमंत्री ने भू कानून, महिलाओं और राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण, पलायन और स्वरोजगार से जुड़े प्रश्नों के जवाब दिए। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

प्रश्न : आपने ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियल रिलेशंस में मास्टर डिग्री हासिल की है राजनीति में ये पढ़ाई कितनी काम आ रही है? 
(हंसते हुए) पढ़ाई हमेशा काम आती है। ये विषय हमेशा से मेरी रूचि का रहा है। इसमें मैंने सीखा योग्य जगह योग्य इंसान को होना चाहिए। एचआर में की एक कहावत प्रसिद्ध है-‘रीटेन देम नाइस्ली एंड रिटायर दैम ग्रेसफुली’ यानी कर्मचारियों को अच्छे ढंग से सहेजिए और उन्हें गरिमापूर्ण ढंग से विदा कीजिए।

प्रश्न: लेकिन यहां तो विभागों में कर्मचारियों के बड़ी संख्या में पद बरसों से खाली हैं। इन खाली पदों को भरने के बारे में सरकार की क्या नीति है?

रोजगार देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। मैंने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे खाली पड़े पदों के लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार कर आयोग को भेजें। विभागों में ऐसे करीब 25 हजार खाली पद हैं जिन्हें युद्धस्तर पर भरे जाने की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। 7 हजार पदों की भर्ती का फैसला कैबिनेट ने ले भी लिया है।

प्रश्न- सरकार साल दर साल कर्जे में डूबी रही है। ऐसे में कर्मचारियों की तनख्वाह का सवाल होगा। विकास के लिए भी धन चाहिए। हजारों करोड़ के कर्ज से उबरने के लिए सरकार की क्या रणनीति है?
हम आय के साधन बढ़ा रहे हैं। कैबिनेट ने फैसला लिया कि जीएसटी भुगतान की रसीद दिखाने पर ग्राहकों को हर महीने लाटरी से ईनाम दिया जाएगा ताकि लोग नान ब्रांडेड सामान की खरीद के लिए दुकानदारों से रसीद लें। इससे दुकानदार को मजबूरन जीएसटी देनी होगी। हम सरकार चलाने में फिजूलखर्ची को रोक रहे हैं। हम हिमाचल के तर्ज पर लघु जल विद्युत योजना शुरू कर अपना राजस्व बढ़ाएंगे।

प्रश्न: और इंडस्ट्रियल रिलेशंस बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए गए? 
हमने नए उद्योगों को आमंत्रित किया है। उत्तराखंड को 2025 तक देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने प्रदेश में 6000 एकड़ भूमि का एक लैंड बैंक चिन्हित कर दिया है। राज्य के 57 स्थानों पर चिन्हित भूमि पर फाइल स्टार होटल, फिल्म सिटी, कोटा की तरह कोचिंग इंस्टीट्यूट का हब व छोटी टाउनशिप विकसित की जाएंगी।

प्रश्न: लेकिन नए उद्योग लगाने के लिए जमीन कहां से मिलेगी। क्योंकि आशंका है कि नई भूनीति में बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदना मुश्किल होगा?
हमने नई भू-नीति की सिफारिशों का परीक्षण कर रहे हैं। इसका उद्योगों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ने देंगे विकास के लिए उद्योग जरूरी हैं। लेकिन भूमि का दुरुपयोग भी नहीं होने देंगे।

प्रश्न: आपने नए जिले जल्द बनाने के लिए संकेत दिए हैं। इस मामले में बात कहां तक पहुंची है?
-हम इस संबंध में जनप्रतिनिधियों से जल्द वार्ता शुरू करने जा रहे हैं। इसके बाद ही इस पर विचार करेंगे।

प्रश्न: पलायन उत्तराखंड की एक बड़ी समस्या है। इस पर काम की रफ्तार बहुत धीमी दिख रही है? 
नहीं इस पर भी पूरी गंभीरता से काम चल रहा है। पलायन आयोग का नाम बदलकर हमने पलायन रोकथाम आयोग कर दिया है। आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगा।

प्रश्न: जैसा कि आप जानते हैं सरकार में रोजगार के अवसर सीमित हैं। युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में रोजगार देने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?
दरअसल हमारा फोकस स्वरोजगार पर है। इस बारे में हमने बैंकों से बात की है कि वे भी सरलीकरण समाधान प्रक्रिया को अपनाएं ताकि छोटे कर्ज के लिए लोगों को दौड़ भाग न करनी पड़े। किसानों को फार्म मशीनरी बैंक के जरिए कृषि उपकरणों पर 70 से 80 फीसदी तक सब्सीडी दी  जा रही है।

प्रश्न: उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता लाने जा रही है। इसे लेकर खासतौर से मुस्लिम समुदाय आशंकित है?
यह मुद्दा तो हमने चुनाव से पहले ही तय कर दिया था। इस मुद्दे पर हमें जनादेश मिला। इसमें हम सभी हितधारकों से बात कर रहे हैं। उनसे सुझाव ले रहे हैं। इसलिए किसी समुदाय वर्ग को आशंकित होने की जरूरत नहीं है।

प्रश्न: देहरादून समेत कई जिले कचरे की समस्या से जूझ रहे हैं। इसका समाधान कब होगा?  
हां ये समस्या गंभीर है। इसके लिए हम नए ट्रंचिंग ग्राउंड की तलाश कर रहे हैं।

प्रश्न: महिलाओं और राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण को बचाने के लिए सरकार क्या कदम उठाने जा रही है?
हम महिलाओं के आरक्षण के लिए लड़ेंगे। चाहे हमें अध्यादेश लाना पड़े या सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े हम दोनों विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। मैंने राज्यपाल से राज्य आंदोलनकारियों का बिल लौटाने का अनुरोध किया था। अब हम इसका परीक्षण कर रहे हैं।

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