माध्यमिक अतिथि शिक्षकों का मामला मुख्यमंत्री के दरबार में एक बार फिर पहुंचा

माध्यमिक अतिथि शिक्षकों का मामला मुख्यमंत्री के दरबार में एक बार फिर पहुंचा

माध्यमिक अतिथि शिक्षकों का मामला मुख्यमंत्री के दरबार में एक बार फिर पहुंचा। अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर तदर्थ नियुक्ति सहित विभिन्न लंबित मांगों से अवगत कराया। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मामले में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पद को रिक्त न मानने और उनकी गृह जिले में तैनाती का कैबिनेट में प्रस्ताव आया था, लेकिन इसका अब तक शासनादेश नहीं हुआ। उनकी सेवाएं प्रभावित न हो इसके लिए सरकार जल्द कोई नीति बनाए।

लंबित मांगों को लेकर आंदोलनरत अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर मांगों पर शीघ्र अमल करने की मांग की। अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पद को रिक्त न मानने और उनकी गृह जिले में तैनाती का कैबिनेट में प्रस्ताव आया था, लेकिन इसका अब तक शासनादेश नहीं हुआ। उनकी सेवाएं प्रभावित न हो इसके लिए सरकार जल्द कोई नीति बनाए। अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री याद दिलाया कि उन्होंने शिक्षक हित में बेहतर करने का आश्वासन भी पूर्व में दिया है।

ज्ञान विज्ञान समिति ने दिया अतिथि शिक्षकों के आंदोलन को समर्थन
देहरादून। लंबित मांगों को लेकर आंदोलन पर अड़े अतिथि शिक्षकों को ज्ञान विज्ञान समिति ने भी अपना समर्थन दिया। सोमवार को समिति ने उनकी मांगों को जायज बताते हुए सरकार से इस पर अमल करने की मांग की। प्रदेश के अतिथि शिक्षक सोमवार को भी शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठे।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट और महामंत्री दौलत जगूड़ी ने कहा कि सरकार अतिथि शिक्षकों के सुरक्षित भविष्य के लिए जल्द कोई नीति बनाए। उनके लिए कोई ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे उनकी सेवाएं प्रभावित न हो। ज्ञान विज्ञान समिति की सचिव डॉ. उमा भट्ट, इंद्रेश नौटियाल, कमलेश, सतीश धौलखंडी ने धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया। धरने पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि यदि मांग पर जल्द अमल न हुआ तो शिक्षक उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। धरना देने वालों में आशीष जोशी, संजय नौटियाल, विजय पोखरियाल, राकेश लाल, आरती, उषा भट्ट आदि शामिल रहे।

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