शिवसेना में रार के बीच पवार का बड़ा बयान, बोले- 2024 में साथ ही चुनाव लड़े MVA

शिवसेना में रार के बीच पवार का बड़ा बयान, बोले- 2024 में साथ ही चुनाव लड़े MVA

महाराष्ट्र  ; महाराष्ट्र में हाल में हुए सियासी घमासान के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें लगता है कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के तीन सहयोगी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस को मिलकर 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, लेकिन इस मुद्दे पर फैसला उनकी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ गठबंधन सहयोगियों के साथ चर्चा करने के बाद ही लिया जाएगा।

इस दौरान उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में लिए गए औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों का नाम बदलने के निर्णय पर शरद पवार ने कहा कि उन्हें निर्णय लेने के बाद ही इसके बारे में पता चला। यह मुद्दा एमवीए के सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था। शरद पवार ने ये बातें औरंगाबाद के दो दिवसीय दौरे के दौरान कहीं।

इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या एमवीए पार्टियों को राज्य में अगला विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ना चाहिए? इस पर पवार ने कहा, “यह मेरी निजी इच्छा है कि एमवीए घटक एक साथ भविष्य का चुनाव लड़ें, लेकिन यह मेरी निजी राय है।

गौरतलब है कि शिवसेना को वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे द्वारा शुरू किए गए विद्रोह के बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार 29 जून को गिर गई थी। इसके अगले ही दिन यानी 30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। शिंदे को शिवसेना के 40 बागी विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा बताए गए कारणों पर कटाक्ष करते हुए, पवार ने कहा, ‘असंतुष्ट विधायक कोई निश्चित कारण नहीं बताते हैं। कभी वे हिंदुत्व के बारे में बात करते हैं, तो कभी फंड के बारे में।’ इस दौरान पवार ने दावा किया कि वह औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम क्रमशः संभानजीनगर और धाराशिव करने के फैसले से बिल्कुल अनजान थे। यह बिना पूर्व परामर्श के लिया गया था। प्रस्ताव पर कैबिनेट बैठक के दौरान हमारे लोगों द्वारा राय व्यक्त की गई थी, लेकिन फैसला (तत्कालीन) मुख्यमंत्री (ठाकरे) का था।

गोवा में कांग्रेस के कुछ विधायकों के सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बारे में बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जो हुआ उसे कोई कैसे भूल सकता है। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से गोवा के लिए काफी समय लगाा।

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