बारिश से बर्बाद हुई गेहूं की फसल

बारिश से बर्बाद हुई गेहूं की फसल

खेतों में खड़ी और कटी फसल बर्बाद होने के कगार पर है। दूसरे दिन भी रुड़की व आसपास के क्षेत्रों में जबदस्त बारिश हुई। बारिश से गेहूं की कटी फसल डूब गई है। वहीं अब प्रशासन सर्वे कर नुकसान का जायजा लेने की बात कह रहा है।

इस समय जिले में गेहूं की फसल की कटाई चल रही है। 44 हजार हेक्टेयर भूमि में से चालीस फीसद फसल कट चुकी है। शेष फसल या तो कटकर खेतों में पड़ी है या कटना शेष है। रविवार सुबह रुड़की क्षेत्र में 19 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा सोमवार को भी जबरदस्त बारिश हुई। बारिश से गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है।

कृषि विज्ञान केंद्र धनौरी के प्रभारी डॉ. पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि इस मौसम में गेहूं की फसल में नमी रह जाए वह भी नुकसानदायक है। दो दिन से तो बारिश हो रही है। ऐसे में गेहूं के काला पड़ने की आशंका है। इससे फसल खराब हो जाएगी।

वहीं एडीएम केके मिश्र ने बताया कि इस संबंध में तहसीलों को बारिश से हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं दो दिन से गन्ने की कटाई भी बंद हो गई है। बुआई पर भी ब्रेक लग गया है। गन्ना कोल्हू भी बंद हो गए हैं। ऐसे में मिल प्रबंधन एवं किसान दोनों ही परेशान है।

ईंट भट्ठों को हुआ जबरदस्त नुकसान

बारिश के चलते ईट-भट्ठों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। पहले लॉकडाउन के चलते ईंट-भट्ठों को चलाने की अनुमति नहीं मिली थी। इसके बाद प्रशासन ने ईंट-भट्ठों को मंजूरी मिल गई थी। ईंट भट्ठों पर तेजी से काम हो रहा था। ईट निर्माता संघ के अध्यक्ष नरेश त्यागी ने बताया कि जनवरी से ही मौसम की वजह से नुकसान हो रहा है।

सुबह से शाम तक रुक-रुककर होती रही बारिश

रुड़की शहर और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार को भी झमाझम बरसात हुई। इस कारण लोगों को उमस से राहत मिल गई। हालांकि बारिश के कारण कई जगहों पर जलभराव के साथ ही कीचड़ भी हो गया। इसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

शिक्षानगरी में कहीं पर तेज तो कहीं हल्की बरसात होने लगी। इसके बाद शाम तक रुक-रुककर बारिश होती रही। साथ ही, काले घने बादल छाये रहे। रविवार के बाद सोमवार को भी बारिश होने की वजह से लोगों को गर्मी से काफी राहत मिल गई।

तापमान में आई गिरावट 

वहीं रविवार की तुलना में सोमवार को शहर के तापमान में और गिरावट देखने को मिली। अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस से लुढ़ककर 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान 23.9 डिग्री से लुढ़ककर 18.8 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ।

अभी नहीं मिलेगी राहत 

आइआइटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले में 29 अप्रैल तक हल्के से मध्यम बादल छाने और गरज-चमक के साथ हल्की बरसात होने की संभावना है। 29 अप्रैल को कुछ स्थानों पर 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने का भी पूर्वानुमान है।

शहर में दूसरे दिन भी बिजली आपूर्ति रही प्रभावित

रुड़की शहर से देहात क्षेत्र में दूसरे दिन भी बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। रेलवे फीडर पर पेड़ गिरने के कारण शाम तक आपूर्ति बाधित रही। इसके अलावा कई अन्य क्षेत्रों में भी बिजली आपूर्ति बाधित रही है। सुबह के समय रुड़की व आसपास के क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है।

बारिश व हवा के कारण रुड़की के छह नंबर बिजलीघर से जाने वाले रेलवे फीडर पर पेड़ गिर रहे हैं। इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही, लालकुर्ती फीडर पर भी पेड़ की टहनी गिरने से अपूर्ति बाधित रही। वहीं डिवीजन बिजलीघर पर गड़बड़ी होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस संबंध में अवर अभियंता रमन कुमार ने बताया कि आपूर्ति को दुरुस्त कर लिया है। बीच में बारिश होने के कारण लाइन को दुरुस्त करने में परेशानी आई थी।

झबरेड़ा में 9 घंटे गुल रही बिजली

झबरेड़ा कस्बे में करीब नौ घंटे बिजली गुल रही। केबल बॉक्स में पानी चले जाने से यह दिक्कत हुई। बिजली गुल होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई। कस्बा निवासी वीरेंद्र सिंह, कटार सिंह, डॉ. अनिल, डॉ. दिनेश त्रिपाठी, अनुज कुश ने बताया कि बिजली जाने के साथ ही पानी की आपूर्ति भी प्रभावित रही। घर के इनवर्टर भी जवाब दे गए। इस संबंध में निगम अधिकारियों को सूचना दी गई। वहीं एसडीओ अक्षय कपिल ने बताया कि ट्रांसफार्मर सप्लाई कनेक्शन बॉक्स में पानी जाने के कारण शॉर्ट सर्किट हुआ था। इसकी वजह से आपूर्ति बाधित हो गई। बाद में आपूर्ति को सुचारु कर दिया गया।

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