कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक: सोनिया गांधी ने की इस्तीफे की पेशकश, पार्टी नेताओं ने ठुकराया, बनी रहेंगी अध्यक्ष

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक: सोनिया गांधी ने की इस्तीफे की पेशकश, पार्टी नेताओं ने ठुकराया, बनी रहेंगी अध्यक्ष

पांच राज्यों में मिली करारी हार पर मंथन के लिए रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा कि अगर पार्टी नेताओं को लगता है कि हार के लिए हम जिम्मेदार हैं तो हम तीनों (सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) इस्तीफे के लिए तैयार हैं। हालांकि, पार्टी नेताओं ने उन पर पूर्ण विश्वास जताया और उनसे संगठनात्मक चुनाव पूरे होने तक पार्टी की कमान संभालने का आग्रह किया। साथ ही पार्टी नेताओं ने उनसे अपील कि वह पार्टी को मजबूत और पुनर्जीवित करने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाएं। सीडब्ल्यूसी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को भी भंग नहीं किया जाएगा।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव सहित आगामी चुनावों में चुनावी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से सोनिया गांधी के नेतृत्व में अपने विश्वास की पुष्टि की और उनसे कांग्रेस का नेतृत्व करने का अनुरोध किया। बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस का नेतृत्व करेंगी और भविष्य में भी वही निर्णय लेंगी। हम सभी को उनके नेतृत्व पर भरोसा है।

साढ़े चार घंटे तक चली बैठक में विधानसभा चुनावों में हार की खामियों को स्वीकार करते और नतीजों पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए फैसला किया गया कि जल्द ही एक ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि संसद के बजट सत्र के तत्काल बाद चिंतन शिविर का आयोजन होगा। इस चिंतन शिविर से ठीक पहले एक बार फिर सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी। उन्होंने बताया कि सोनिया गांधी ने बैठक में सभी नेताओं की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए हर जरूरी कदम उठाने की इच्छुक हैं। सीडब्ल्यूसी ने उन्हें आवश्यकता के अनुरूप व्यापक संगठनात्मक बदलाव और संगठन की कमियों को दूर करने का भी अधिकार दिया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में सुझाव दिया कि चिंतन शिविर उनके राज्य में होना चाहिए।

बैठक में पांच राज्यों में हुई हार पर प्रभारियों और पर्यवेक्षकों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें हार के कारणों, खामियों और क्या खोया, क्या पाया, इसकी जानकारी दी गई। हार से कैसे उबरा जाए और जनता तक अपनी बात कैसे पहुंचाए, इस पर वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और दिग्विजय सिंह ने अपनी बात रखी।

 

राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए, पार्टी एकजुट रहेगी: गहलोत

  • इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा रास्ता तो एकता, अखंडता का है और एक रास्ता भाजपा का है- धर्म और ध्रुवीकरण का। पीएम और केजरीवाल एक जैसा बोलते हैं। ये आग लगाना काफी आसान काम होता है लेकिन उसे बुझाना काफी मुश्किल है। राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए पार्टी एकजुट रहेगी।
  • उन्होंने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती है, एक समय भाजपा ने 542 में से केवल 2 सीटें जीती थी। लोग गुमराह हो रहे हैं क्योंकि भाजपा धर्म की राजनीति करती हैं, आज नहीं तो कल ये बात देशवासियों को जरूर समझ आएगा। इंदिरा गांधी ने अपनी जान दे दी, लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया।
  • कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी के लिए अपने पदों का त्याग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम सभी ने इसे खारिज कर दिया।

गांधी परिवार का अस्तित्व चुनावी हार-जीत पर निर्भर नहीं: श्रीनिवास बीवी
कांग्रेस की युवा इकाई के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले गांधी परिवार के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए रविवार को कहा कि यह परिवार सिर्फ पार्टी नहीं है, बल्कि देश के सभी वर्गों को जोड़कर रखने वाली एक माला है। पार्टी का अस्तित्व किस चुनावी हार-जीत पर निर्भर नहीं करता। श्रीनिवास ने ट्वीट किया, ‘देश की अखंडता के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाली इस विरासत को मिटाने की साजिशें कई बार हुईं, लेकिन कभी कोई कामयाब नही हुआ।’

कांग्रेस मुख्यालय के निकट एकत्र हुए कांग्रेस कार्यकर्ता
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के दौरान पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी के मुख्यालय के पास इकट्ठा हुए। उन्होंने राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी की और उन्हें पार्टी की कमान एक बार फिर से सौंपे जाने की मांग की। इस दौरान दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नेता अलका लांबा, अनिल भारद्वाज और कई अन्य नेता-कार्यकर्ता राहुल गांधी के समर्थन में धरने पर बैठ गए।

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