हरिद्वार में आपरेशन मुक्ति के अन्तर्गत बाल श्रम, बाल विवाह एवं बाल भिक्षावृत्ति के सम्बन्ध में एक बैठक का आयोजन हुआ

हरिद्वार में आपरेशन मुक्ति के अन्तर्गत बाल श्रम, बाल विवाह एवं बाल भिक्षावृत्ति के सम्बन्ध में एक बैठक का आयोजन हुआ

जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेट में आपरेशन मुक्ति के अन्तर्गत बाल श्रम, बाल विवाह एवं बाल भिक्षावृत्ति के सम्बन्ध में गठित समिति की एक बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया ने आपरेशन मुक्ति के अन्तर्गत बाल श्रम, बाल विवाह एवं बाल भिक्षावृत्ति आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में जिलाधिकारी ने स्ट्रीट चिल्ड्रन के कल्याणार्थ क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं, के सम्बन्ध में पूछा तो अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के 509 बच्चों को विभिन्न स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि प्रवेश दिलाना ही पर्याप्त नहीं है, ऐसे बच्चों को प्रवेश दिलाने के बाद किसी तरह की आवश्यकता तो नहीं है, इस पर भी हमें ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों का पूरा डॉटाबेस हमारे पास होना चाहिये, जिसके आधार पर उनका सत्यापन किया जाये, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि ये बच्चे किन-किन क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि इन बच्चों का सबसे पहले आधार कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें ताकि सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ इन्हें दिया जा सके।

जिलाधिकारी द्वारा बैठक में बच्चों के अधिकारों के सम्बन्ध में और क्या -क्या कार्य किये जा रहे हैं, के सम्बन्ध में पूछे जाने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि ग्राम स्तर पर बाल अधिकारों के लिये ग्राम समितियों का गठन किया जा रहा है, जिनमें से जनपद के 288 गांवों में समितियों का गठन कर दिया गया है, शेष सभी में जल्दी ही ग्राम समितियों का गठन कर दिया जायेगा।

बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि बाल श्रम, बाल विवाह एवं बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिये गठित टास्क फोर्स जब विभिन्न क्षेत्रों में रेस्क्यू हेतु पहुंचती है तो कुछ लोग, जिनके हित इन बच्चों से जुड़े होते हैं, वे इसका विरोध करते हैं। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि टास्क फोर्स में राजस्व तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी शामिल करें। अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि आपरेशन मुक्ति के समय जिन बच्चों का रेस्क्ूय किया जाता है, उनके पास अभिलेख न होने की वजह से भिी दिक्कत आती है। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि ऐसे बच्चों का विवरण तैयार कर लें तथा ये बच्चे जहां से भी सम्बन्ध रखते होंगे, इस सन्दर्भ में वहां के प्रशासन से इनके बारे में जानकारी साझा की जायेगी।

इस मौके पर जिलाधिकारी से कोराना काल में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया था, ऐसे पीएम केयर्स स्कीम फॉर चिल्ड्रन के अन्तर्गत लाभान्वित 10 बच्चों ने भी उनसे मुलाकात की । जिलाधिकारी ने एक-एक करके सभी बच्चों से उनके बारे में पूछा तथा उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं है, के सम्बन्ध में पूरी जानकारी ली। इस पर बच्चों ने कहा कि हमें कोई दिक्कत नहीं है। जिलाधिकारी ने बच्चों से कहा कि अगर कहीं पर भी आपको किसी भी तरह की कोई दिक्कत हो, तो इस सम्बन्ध में अपनी बात मुझसे अवश्य साझा करना।
इस बैठक के अतिरिक्त जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ’’एक युद्ध नशे के विरूद्ध’’ ज्वाइण्ट एक्शन प्लान ऑन प्रीवेंशन ऑफ ड्रग एण्ड सब्सटेंस एब्यूज अमंग चिल्ड्रन के सम्बन्ध में भी विचार-विमर्श हुआ, जिसमें बच्चांें को नशे से दूर रखने के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्कूलों में बच्चों के क्लब बनाये जायें, जहां आवश्यक हो सीसीटीवी स्थापित किये जायें तथा एक संयुक्त एक्शन प्लान भी इस सम्बन्ध में तैयार कर लिया जाये।

इस अवसर पर ज्वाइण्ट मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह, एसपी ट्रैफिक/क्राइम, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 मनीष दत्त, मुख्य शिक्षा अधिकारी के0के0 गुप्ता, जिला समाज कल्याण अधिकारी टी0 आर0मलेठा, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सुलेखा सहगल, उप श्रमायुक्त, जिला पूर्ति अधिकारी, नोडल अधिकारी ऑपरेशन मुक्ति, प्रतिनिधि जिला बाल कल्याण समिति सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

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