अम्बेडकर कॉलोनी में महिलाओं का सम्मान’ (महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था पर गोष्ठी):

अम्बेडकर कॉलोनी में महिलाओं का सम्मान’ (महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था पर गोष्ठी):

देहरादून–उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा आमवाला तरला स्थित बाल भवन में 108वें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस अवसर पर अम्बेडकर कॉलोनी की उन महिलाओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया जो दिनभर मजदूरी के साथ-साथ अपने घर-परिवार में बच्चों की परवरिश में जुटी रहती हैं।
परिषद का उद्देश्य अंतिम पंक्ति में टकटकी लगाए हुए बच्चों के स्वास्थ्य/पोषण व शिक्षा-दीक्षा में अच्छे पारिवारिक माहौल भरे संस्कारों को प्राथमिकता देना है।

इस अवसर पर जरूरतमंद व अभावग्रस्त बच्चों की सेवा के लिए समर्पित संगीता तोमर को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया ।

बता दें कि संगीता तोमर प्रदेश के प्रतिष्ठित विद्यालय 55-राजपुर रोड देहरादून में पिछले 10 वर्षों से ऐसे बच्चों के लिए सेवा कार्य कर रही हैं जो अभाव में रहते हुए भी कुछ करना चाहते हैं ।
संगीता अपने अनुभव साझा करते हुए बताती हैं कि वे 5 साल पहले दर्शनलाल चौक से चूना भट्टा निवासी चाँदनी नाम की लड़की को उठा लाईं। चाँदनी बारिश-तूफ़ान में भी भीख मांगकर अपने स्वयं और परिवारजनों का भरण-पोषण 4-5 माह की छोटी सी उम्र से ही करती थीं।

बताती हैं कि बच्ची के पैरेंट्स द्वारा भारी विरोध किया गया, उनका कहना था कि ये तो हमारे लिए हर रोज 500 रुपये तक भीख मांग लेती हैं,हमारा रोज का खाना बंद हो जाएगा। यह सुन विद्यालय के प्रधानाचार्य हुकुम सिंह उनियाल ने उन्हें बच्ची के भविष्य की ओर ध्यान रखने को कहा और स्वयं पैरेंट्स को अपने स्तर से खर्चा वहन करने का आश्वासन दिया। इसकी सूचना जब चाइल्ड हेल्पलाइन को दी गई तब जाकर उनके सहयोग से बच्ची की शिक्षा-दीक्षा प्रारम्भ हो सकी।

वे आगे बताती हैं कि मात्र एक महीने में ही चाँदनी ने हमें रिजल्ट दिया,यहाँ तक कि बच्ची की दादी की मृत्यु के बाद पैरेंट्स के आग्रह पर भी बच्ची पढ़ाई को महत्व देते हुए अपने मूल निवास स्थान बिहार जाने तक तैयार नहीं हुई।
बता दें कि एक हाथ व एक पैर से विकलांग चाँदनी अब कक्षा 9 में है, उसका सपना है कि वह बड़े होकर अपने जैसे बच्चों के लिए कार्य करना पसन्द करेंगी।

परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ पॉल ने अपने संबोधन में कहा कि मातृ शक्ति भारतीय संस्कृति की पहचान है, हमें इस शक्ति का सम्मान करना चाहिए। महिलाओं ने भी आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखी।

इस मौके पर परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ आई एस पाल, उपाध्यक्ष मधुबेरी,महासचिव पुष्पा मानस, पूर्व महासचिव बी के डोभाल, सयुंक्त सचिव कमलेश्वर भट्ट,के पी सती, उमा प्रकाश, कुसुमरानी नैथानी, रश्मि कुलश्रेष्ठ, धर्मी मिश्रा, कंचन भट्ट,पुष्पा भट्ट, देवेश्वरी सती व संगीता तोमर आदि लगभग 100 से अधिक महिलाएं व बच्चों ने शिरकत की।

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