अधिवक्ता विरमानी की जमानत सत्र न्यायालय से भी खारिज, दो घंटे चली सुनवाई
देहरादून में रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के आरोपी अधिवक्ता कमल विरमानी की जमानत जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत की कोर्ट ने भी खारिज कर दी। कोर्ट ने बुधवार को दो घंटे सुनवाई की और प्रार्थनापत्र को निरस्त कर दिया।
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अधिवक्ता विरमानी को इसी साल 27 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे चार दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में भी रखा गया। निचली अदालत में विरमानी ने जमानत अर्जी लगाई, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी। पिछले सप्ताह विरमानी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत की कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी।
बचाव पक्ष ने कहा था कि विरमानी को उसे मुंशी और एक अन्य आरोपी के बयानों के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके अलावा अन्य कोई ठोस साक्ष्य पुलिस के पास नहीं हैं। इस पर अभियोजन का तर्क था कि विरमानी की निगरानी में ही सारा काम हुआ है। रजिस्ट्री विरमानी के चेंबर में तैयार की गईं, इस बात के पुख्ता साक्ष्य पुलिस के पास हैं। इस मामले में अब तक सात लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।