शादी के शगुन में नये कपड़े नहीं देने पर 150 बरातियों को बंधक बना लिया गया। बाद में कांग्रेस विधायक और मुखिया ने हस्तक्षेप किया तो दूल्हा पक्ष को 3.40 लाख देने पड़े।

देवघर, झारखंड के देवघर में निकाह के महज 10 घंटे बाद तलाक देने का मामला सामने आया है। यहां सारठ के पिंडारी गांव में शगुन में पुराने कपड़े देने पर निकाह के बाद महज 10 घंटे के बाद तलाक हो गया। मुस्लिम समाज में दुल्हन को शगुन में नकाब, लहंगा और सलवार सूट दिए जाते हैं। निकाह शुरू होने के पहले शगुन के कपड़े पुराने दिखे तो विवाद हो गया।

दूल्हा पक्ष के लोगों ने समझाया कि नए कपड़े घर पर छूट गए हैं, निकाह होने तक मंगा लिए जाएंगे। निकाह हो गया तब तक शगुन के नए कपड़े नहीं आए। इस बात पर दुल्हन पक्ष के लोग नाराज हो गए। सवाल उठा दिया कि जब निकाह में शगुन के पुराने कपड़े पहना रहे हैं तो बाद में अल्लाह ही जाने। देखते ही देखते बात बिगड़ गई और दोनों ओर से नोकझोंक के बीच सभी बरातियों को बंधक बना लिया गया।

बवाल बढ़ा तो जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख और मुखिया अब्दुल मियां आए। पंचायती हुई। दूल्हा पक्ष ने 3.40 लाख रुपये वापस किए। इसके बाद सुलहनामा हुआ। मुस्लिम रीति रिवाज के तहत दूल्हा ने दुल्हन को तलाक दे दिया। बताया गया कि सारठ के पिंडारी गांव के रहने वाले मोहम्मद निशाद ने अपनी बेटी की शादी सोनारायठाढ़ी के महापुर गांव में रहने वाले खुर्शीद मियां के पुत्र आरिफ अख्तर से तय की थी। आरिफ अपने गांव में किराने की दुकान चलाता है।

मंगलवार की रात 10 बजे 150 बाराती पिंडारी आए। बरातियों का शानदार स्वागत किया गया। इसके बाद निकाह की रस्म शुरू हुई। रात 12 बजे दुल्हन के लिए ससुराल से लाए गए शगुन के कपड़े और जेवर की मांग की गई। दूल्हा पक्ष ने जल्दबाजी में शगुन के कपड़े घर पर छोड़ आने की बात कही। दूल्हा पक्ष का कहना था कि घर से शगुन के कपड़े मंगा लिए जाएंगे, निकाह की रस्म जारी रखी जाय। निकाह हो गया। शगुन के कपड़े आए तो दूल्हन पक्ष के लोग उखड़ गए।

उनका कहना था कि नकाब और लहंगा पुराना है, जेवर बहुत हल्के। दुल्हन पक्ष के लोगों ने इसे फरेब बता डाला। कहासुनी होने लगी। तब दूल्हन ने भविष्य में बदसलूकी होने की आशंका जताते हुए ससुराल जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद पिंडारी गांव के लोगों ने सभी बाराती को बंधक बना लिया। फरमान जारी हो गया कि कोई बाराती गांव से बाहर नहीं जाएगा।

जरमुंडी के कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख ने इस बारे में कहा- ऐसी घटनाएं सामाजिक तौर पर कतई सही नहीं है। गलतफहमी में निकाह टूट गया। बात बढ़ गई थी। पंचायती कर सुलझा लिया गया है।

कचुआबाग के मुखिया अब्दुल मियां बोले- शगुन में पुराने कपड़े देने पर तलाक हो गया। दूल्हन पक्ष के जितने रुपए खर्च हुए थे, सब वापस करा दिए गए हैं।