देहरादून में बगैर जीपीएस नहीं चलेंगे ऑटो-विक्रम, कल से घंटाघर और परेड ग्राउंड के आस-पास सख्ती

देहरादून में बगैर जीपीएस नहीं चलेंगे ऑटो-विक्रम, कल से घंटाघर और परेड ग्राउंड के आस-पास सख्ती

सार्वजनिक यात्री वाहनों में जीपीएस का विवाद थमने का नाम नहीं रहा है। उत्तराखंड परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास सिर्फ जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन ही संचालित होंगे। इस फ्रीज जोन में बगैर जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहनों के संचालन का आज अंतिम दिन है। कल से इस क्षेत्र में बगैर जीपीएस लगे यात्री वाहन चलाने पर परिवहन विभाग चालान करेगा। उधर ऑटो-विक्रम यूनियन ने सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी से मुलाकात कर जीपीएस से राहत की मांग की, लेकिन सचिव ने इस मामले में कोई राहत देने के बजाय गेंद आरटीओ के पाले में डाल दी।

आरटीए की बैठक में पिछले दिनों प्रस्ताव पास कर कहा गया कि घंटाघर और परेड मैदान के आसपास क्षेत्र में सिर्फ जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन संचालित होंगे। महानगर के छह रूटों पर चलने वाले सार्वजनिक यात्री वाहन इस आदेश से प्रभावित होंगे। जीपीएस लगवाने के लिए 15 फरवरी अंतिम तिथि रखी गई। यह समय सीमा बृहस्पतिवार को पूरी हो गई है। कल से परिवहन विभाग आदेश का सख्ती से पालन कराएगा। परिवहन विभाग की टीम चेकिंग कर देखेगी कि प्रतिबंधित क्षेत्र में संचालित कितने वाहनों में जीपीएस लगा है, कितने में नहीं। बगैर जीपीएस वाले आटो-विक्रम-सिटी बसों का चालान किया जाएगा। जिन यात्री वाहनों में जीपीएस लगा है, उनकी निगरानी 16 फरवरी से इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सेंटर से शुरू हो जाएगी।

सचिव ने कहा, आरटीओ से मिलें, निकालेंगे बीच का कोई रास्ताI
ऑटो-विक्रम यूनियन लगातार जीपीएस को लेकर अपना विरोध कर रही है। सबसे पहले आरटीओ से हुई बैठक में अपना विरोध जताया। इसके बाद सड़क पर उतरकर विरोध किया। विधायक उमेश कुमार ने इस मामले को विधानसभा में उठाया। इसके बाद भी कोई राहत नहीं मिलने पर आटो-विक्रम यूनियन के सदस्य बुधवार शाम परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी से मुलाकात की। सचिव ने इस मामले में कोई स्पष्ट आदेश देने के बजाय यूनियन के सदस्यों से पहले तो जीपीएस लगवाने के लिए कहा। सचिव ने कहा कि अर्बन मोबिलिटी प्लान को लागू कराने के लिए सार्वजनिक यात्री वाहनों में जीपीएस लगवाया जा रहा है। यूनियन ने असमर्थता जताई तो सचिव ने कहा कि इस प्रकरण को लेकर उन्होंने आरटीओ को निर्देशित कर दिया है। यूनियन के सदस्य उनसे जाकर मिलें, वही कोई बीच का रास्ता निकालेंगे।

अगर ज्यादती हुई तो करेंगे वाहनों का संचालन ठपI
दून ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा शेखर कपिल, नरेंद्र शर्मा, परवीन नौटियाल, रामशीश राजभर, मनोज कुमार, अमित, त्रिलोक सिंह भंडारी ने कहा कि आरटीओ से बगैर जीपीएस वाले वाहनों के चालान किए तो परिवहन व्यवस्था को ठप कर विरोध जताया जाएगा।

आरटीओ सुनील शर्मा ने कहा कि 16 फरवरी से बगैर जीपीएस लगे वाहनों की मानीटरिंग शुरू की जाएगी। यह व्यवस्था शहर के यातायात को सुव्यवस्थित बनाने के लिए है। इससे देखा जाएगा कि सड़कों को कहां चौड़ा करने की जरूरत है, कहां सड़कों पर कट देने की आवश्यकता है, इसी तरह से यातायात संचालन के लिए अन्य व्यवस्थाएं की जाएंगी। 16 से परमिट शर्तों के पालन को लेकर चेकिंग शुरू कराई जाएगी, शर्तों का पालन नहीं करने पर चालान और परमिट रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।

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