भारी बारिश और भूस्खलन से बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे बंद, 2000 यात्री फंसे
चमोली जिले में रविवार रात को भारी बारिश के बाद बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर मलबा आने से बंद हो गया। पागलनाला, पातालगंगा, छिनका और नंदप्रयाग जैसे स्थानों पर भूस्खलन से रास्ता बंद होने के कारण बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले लगभग 2000 तीर्थयात्री फंस गए। एनएचआईडीसीएल और बीआरओ की टीमों ने मलबा हटाकर दोपहर 12 बजे के बाद हाईवे पर आंशिक रूप से यातायात चालू किया। नंदप्रयाग के पास अधिक मलबा होने के कारण वाहनों को कोठियालसैंण-सैकोट बाईपास से भेजा गया, लेकिन मार्ग संकरा होने के कारण यात्रियों को जाम का सामना करना पड़ा।
भूस्खलन और बारिश का कहर
फरकिया और बाम्पा के बीच बहने वाला बगधार नाला उफान पर आने से मलारी हाईवे पर मलबा जमा हो गया और हाईवे का 15 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। वहीं, कर्णप्रयाग, थराली और देवाल में भी कई जगह सड़कों पर मलबा आने से यातायात ठप रहा। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे भी कई घंटों तक बंद रहा।
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केदारनाथ यात्रा भी बाधित, हेलीकॉप्टर सेवा भी ठप
केदारघाटी में सोमवार को तेज बारिश, भूस्खलन और घने कोहरे के चलते केदारनाथ पैदल यात्रा और हेलीकॉप्टर सेवा दिनभर बंद रहीं। सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच मुनकटिया में मलबा गिरने से प्रशासन ने यात्रियों को आगे नहीं बढ़ने दिया। खराब मौसम को देखते हुए पैदल मार्ग के संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
सुबह 11 बजे के बाद मौसम में थोड़ी सुधार हुई, लेकिन भूस्खलन जोन सक्रिय रहने के कारण यात्रा शुरू नहीं हो सकी। हेलीकॉप्टर सेवाएं भी दिनभर बाधित रहीं, क्योंकि केदारघाटी से केदारनाथ तक घना कोहरा छाया हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि मौसम साफ होने के बाद ही यात्रा और सेवाएं फिर से शुरू की जाएंगी।
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यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रुकें और मौसम साफ होने तक यात्रा शुरू न करें। सभी यात्रियों को सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करने और प्रशासन के साथ सहयोग करने की सलाह दी गई है।