भारतीय रक्षा विशेषज्ञ ने कहा- भारत,चीन के सैन्य खतरे से निपटने के लिए तैयार

भारतीय रक्षा विशेषज्ञ ने कहा- भारत,चीन के सैन्य खतरे से निपटने के लिए तैयार

चीन लंबे समय से अपनी सेना और सीमा तक पहुंच के लिए ढांचागत विकास का काम कर रहा है। तिब्बत में चीन ने सड़कों का जाल बिझा दिया है। अब जब भारत ने सीमा पर विकास कार्य किया तो उसे यह बर्दाश्त नहीं हो रहा है। लद्दाख में चीन की बौखलाहट की यही वजह है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय सेना आज हर तरह से उसका जवाब देने में सक्षम है।

चीन का साइकोलॉजिकल वॉरफेयर पर विश्वास 

सेवानिवृत्त ले. जनरल एमसी भंडारी के अनुसार चीन साइकोलॉजिकल वॉरफेयर में विश्वास रखता है। अपनी इसी नीति के तहत वह कहता कुछ और करता कुछ है। आज नहीं बल्कि वर्षो से उसका यही चरित्र रहा है। इस बार भी उसने मनोवैज्ञानिक युद्ध में हम पर हावी होने की खूब कोशिश की, लेकिन जब मकसद पूरा नहीं हुआ तो इस हरकत पर उतर आया।

उनका कहना है कि चीन का पाखंड पूरी दुनिया देख रही है। अब वक्त है कि उसको उसी की भाषा में जवाब दिया जाए। जिसमें हमारी सेना पूरी तरह सक्षम है। चोला और नाथूला पास पर 1967 में हुई 10 दिन की लड़ाई में चीन अपनी स्थिति याद करे। वह कहते हैं कि मामला बेशक लंबा खिंचेगा पर यकीन मानिए यह टर्निंग प्वाइंट है। हम आज राजनीतिक, कूटनीतिक व सामरिक रूप से सशक्त हैं और चीन अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं होगा।

चीन नहीं चाहता सीमा पर भारतीय फौज आसानी से पहुंचे  

रिटायर्ड मेजर जनरल ओपी सब्बरवाल कहते हैं, चीन नहीं चाहता कि भारतीय फौज की पहुंच सीमा तक आसान हो। लेकिन, भारत न तो सीमा तक सड़कों का निर्माण कार्य रोकेगा और न कदम ही पीछे हटाएगा। भारत हमेशा इस बात का पक्षधर रहा है कि सीमा विवाद का हल बातचीत से निकाला जाए। फिर वार्ता चाहे सेना के स्तर पर हो या कूटनीतिक। जिस तरह का विश्वासघात और कायराना हरकत चीन ने की है, इसमें कुछ नया नहीं है।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी सीमा विवाद के नाम पर वह भारत को उकसाता रहा है। अब नेपाल को भी भारत के खिलाफ उकसा रहा है। जब से चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया है, तभी से वह अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है।

दूसरों की जमीन हड़पना चीन की नीति 

रिटायर्ड मेजर जनरल सी. नंदवानी कहते हैं कि दूसरों की जमीन हड़प कर अपना क्षेत्र विस्तार करना चीन की पुरानी नीति रही है। यही वजह से चीन का अपने तकरीबन सभी पड़ोसियों से सीमा विवाद है। बॉर्डर सीमांकन को लेकर जापान, रूस और वियतनाम तक से उसका टकराव चल रहा है। अब भारत अपनी सीमाओं की निगहबानी को मजूबत कर रहा है तो चीन को चुनौती मिलने लगी। इसी का नतीजा है कि वह इस तरह की हरकत कर रहा है। जिसका जवाब देने में भारतीय सेना पूरी तरह सक्षम है।

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