पिता का झूठा भरण-पोषण वाद खारिज, डीएम ने बहु-बेटे को घर में दिलाया कब्जा

पिता का झूठा भरण-पोषण वाद खारिज, डीएम ने बहु-बेटे को घर में दिलाया कब्जा

देहरादून, 20 अगस्त – देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए सेवानिवृत्त राजपत्रित अधिकारी पिता द्वारा दायर भरण-पोषण अधिनियम के वाद को खारिज कर दिया। इस वाद में पिता ने आरोप लगाया था कि उनका बेटा और बहु उनसे मारपीट करते हैं तथा उनके भरण-पोषण का ध्यान नहीं रख रहे। उन्होंने डीएम से गुहार लगाकर तेज सुनवाई की मांग भी की थी।

मामले की जांच और दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि पिता चलने-फिरने में सक्षम हैं और उनकी तथा उनकी पत्नी की कुल मासिक आय 55 हजार रुपये है। वहीं, बेटा अमन वर्मा और बहु मीनाक्षी की कुल आय मात्र 25 हजार रुपये है, जिससे वे अपने परिवार और 4 वर्षीय पुत्री का पालन-पोषण कर रहे हैं। कोर्ट ने माना कि पिता अपने बेटे-बहु को घर से बेदखल करने के उद्देश्य से झूठा वाद दायर कर रहे थे।

डीएम ने निर्णय देते हुए कहा कि “सिर्फ उम्रदराज होना बहु-बेटे को घर से बेदखल करने का लाइसेंस नहीं है।” कोर्ट ने माता-पिता का वाद खारिज कर बहु-बेटे को कब्जा प्रतिस्थापित कर दिया। साथ ही, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए गए कि वे हर माह दो बार निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि दोनों पक्षों के अधिकार सुरक्षित रहें और किसी भी प्रकार की शांति भंग न हो।

कोर्ट ने पाया कि पिता ने निजी स्वार्थ और संपत्ति की लालसा में यह वाद दायर किया था। जबकि बेटा अल्पवेतन की नौकरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रहा है। इस दौरान कोर्ट ने लाचार बहु-बेटे और उनकी बच्ची की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी।

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डीएम कोर्ट का यह फैसला उन मामलों में नजीर बनेगा, जहां भरण-पोषण अधिनियम का दुरुपयोग कर झूठे मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं। इस निर्णय से न्याय प्रणाली के प्रति आम जनता का भरोसा और मजबूत होने की उम्मीद है।

Saurabh Negi

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