देहरादून: CBI जांच की मांग पर अड़े युवा, डीएम-एसएसपी की अपील बेअसर

देहरादून – पेपर लीक प्रकरण को लेकर राजधानी में बेरोजगार युवाओं का धरना लगातार जारी है। शुक्रवार को जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह खुद धरनास्थल पहुंचे और युवाओं से बातचीत कर शांतिपूर्वक समझाने का प्रयास किया। करीब एक घंटे तक चली वार्ता में अधिकारियों ने SIT जांच और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन युवाओं ने उनकी बात मानने से साफ इनकार कर दिया।
युवाओं का कहना: SIT नहीं, सिर्फ CBI जांच मंजूर
धरने पर बैठे युवाओं ने अधिकारियों को स्पष्ट कहा कि उन्हें SIT जांच पर भरोसा नहीं है। उनका कहना था कि अब तक के अनुभव बताते हैं कि हर बार पेपर लीक के बाद SIT बनाई जाती है, लेकिन कभी भी ठोस नतीजे सामने नहीं आते। युवाओं ने पुराने मामलों—2016 में वीपीडीओ पेपर लीक और अन्य भर्ती परीक्षाओं—का उदाहरण देते हुए कहा कि तब भी जांच बेनतीजा रही थी।
युवा नेता बॉबी पंवार ने कहा, “अगर सिस्टम की विश्वसनीयता की बात है तो पहले ही खत्म हो चुकी है। ऑडियो क्लिप तक वायरल हुए जिनमें OMR शीट खाली छोड़ने जैसी बातें सामने आई थीं। अब हमें सिर्फ और सिर्फ CBI जांच चाहिए। इसकी शुरुआत मुझसे ही हो जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।”
SIT का कार्यक्षेत्र पूरे प्रदेश तक बढ़ा – डीएम
वार्ता के दौरान डीएम सविन बंसल ने युवाओं से कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। पुलिस की शुरुआती जांच में एक परीक्षा केंद्र से नकल की पुष्टि हुई है और इसमें लिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अब SIT जांच का दायरा पूरे प्रदेश में रहेगा और जो भी रिपोर्ट आएगी, उसे सार्वजनिक किया जाएगा। इसी तरह SSP अजय सिंह ने कहा कि SIT को एक महीने का समय दिया गया है, हालांकि जांच इससे भी कम समय में पूरी हो सकती है। टीम सभी जिलों में जाकर साक्ष्य एकत्र करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इससे पीछे नहीं हट रही है।
निगरानी को लेकर भी उठे सवाल
युवाओं ने SIT जांच की निगरानी सेवानिवृत्त जस्टिस बीएस वर्मा को दिए जाने पर भी आपत्ति जताई। उनका कहना था कि जस्टिस वर्मा के राजनीतिक रिश्ते हैं, ऐसे में उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठना लाजमी है।
करीब एक घंटे की बातचीत के बाद भी कोई सहमति नहीं बन सकी। अधिकारी युवाओं से सिर्फ अपील कर सके और युवाओं ने अपनी मांग पर अडिग रहते हुए कहा कि जब तक CBI जांच नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।