श्री नरसिंह मंदिर में श्रीमद देवी भागवत कथा का समापन, चारधाम यात्रा की सफलता की कामना

जोशीमठ, 9 अप्रैल 2025: श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद देवी भागवत ज्ञान यज्ञ कथा का समापन मंगलवार को श्री नरसिंह मंदिर परिसर में गंगापूजा और जल यात्रा के साथ हुआ। इस धार्मिक आयोजन का उद्देश्य आगामी चारधाम यात्रा 2025 की सफलता, सुरक्षा और श्रद्धालुओं के कल्याण हेतु देवी कृपा प्राप्त करना था।
समापन दिवस पर बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और मंदिर प्रबंधक अजय सती विशेष रूप से उपस्थित रहे। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी एवं कथा व्यास आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल ने अपने प्रवचनों में देवी दुर्गा की ब्रह्मांडीय शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संपूर्ण सृष्टि देवी से ही उत्पन्न हुई है और केवल उनका नाम स्मरण करने से भी असंभव कार्य संभव हो जाते हैं।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि इस सात दिवसीय आयोजन में देवी की उत्पत्ति, असुरों के विनाश, भक्तों की रक्षा और पूजा पद्धतियों से जुड़ी कथाओं का वाचन किया गया। प्रतिदिन संध्या को विशेष आरती और भजन संध्या का आयोजन भी हुआ। सोमवार को यज्ञ की पूर्णाहुति बदरीनाथ के वैदिक आचार्य रविंद्र भट्ट द्वारा कराई गई। उर्गम के पुजारी सुशील डिमरी और वासुदेव मंदिर के पुजारी वासुदेव ने अनुष्ठान संपन्न कराए।
मंगलवार प्रातः श्रद्धालुओं की उपस्थिति में श्री नरसिंह मंदिर से जल यात्रा निकाली गई, जिसमें देव पूजा समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूदरी, महिला श्रद्धालु, कथा व्यास आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल और मंदिर के पुजारीगण सम्मिलित हुए। यात्रा के तहत सभी लोग विष्णुप्रयाग संगम पहुंचे, जहां गंगास्नान, गंगापूजा एवं देवताओं की आराधना के बाद पुनः मंदिर परिसर लौटकर कथा का विधिवत समापन हुआ।
यह आयोजन 30 मार्च को नव संवत्सर और नवरात्र के शुभारंभ के अवसर पर प्रारंभ हुआ था, जिसका समापन अब जल यात्रा और श्री दुर्गा मंदिर जोशीमठ में पवित्र ग्रंथ की स्थापना के साथ हुआ।
इसे भी पढ़ें – बदरीनाथ धाम पहुंचा मंदिर समिति का अग्रिम दल, यात्रा पूर्व तैयारियों को मिलेगी रफ्तार
हालांकि कथा का समापन मंगलवार को हो गया, लेकिन बुधवार को भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य यजमान अजय सती, प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, वरिष्ठ अधिकारी विजेंद्र बिष्ट, लेखाकार भूपेंद्र रावत, नरसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपूरवान, संदेश मेहता, प्रबंधक भूपेंद्र राणा, पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी एवं श्रद्धालु अंसूया नौटियाल सहित अनेक भक्तजन उपस्थित रहे।