ओंकारेश्वर मंदिर में विराजे भगवान मध्यमहेश्वर, ऊखीमठ में भक्तों ने की पूजा-अर्चना

ओंकारेश्वर मंदिर में विराजे भगवान मध्यमहेश्वर, ऊखीमठ में भक्तों ने की पूजा-अर्चना

द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर भगवान शनिवार को विधि विधान से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गए हैं, अब आने वाले छह महीनों तक यहीं पर भगवान की नित पूजाएं संपन्न होंगी, और भक्त को भी भगवान दर्शन देंगे। इस अवसर पर मंदिर को दस कुंतल फूलों से सजाया गया था, अपने तीन प्रवास के बाद डोली के ऊखीमठ पहुंचने पर भक्तों ने फूल मालाओं से स्वागत किया। तय कार्यक्रम के तहत भगवान मध्यमहेश्वर की चल विग्रह डोली सेना के बैंड के साथ अपराह्न सवा दो बजे शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंची। डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने से पहले ही केदारनाथ मंदिर के रावल भीमांशंकर सहित मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने मंगलचौंरी ब्राह्मणखोली पहुंचकर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली का स्वागत किया।

लोगों ने किए देवडोली के दर्शन

ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचने से पहले रास्ते भर में हजारों श्रद्धालुओं ने देवडोली के दर्शन किये साथ ही मध्यमहेश्वर की पूजा-अर्चना भी संपन्न की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं को दर्शन देते हुए भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंची जहां हजारों लोग डोली के स्वागत किया।

मध्महेश्वर मेले का आयोजन

देवडोली को ओंकारेश्वर मंदिर परिसर मंडप में दर्शन हेतु रखा गया। द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर के कपाट 22 नवंबर बुधवार को बंद हुए थे डोली गौंडार, रांसी गिरिया पड़ावों में विश्राम करने के बाद शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंची। शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजाएं शुरु हो गई हैं। वहीं डोली के आगमन पर ऊखीमठ में तीन दिवसीय मध्महेश्वर मेले का आयोजन किया गया है

इस अवसर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, रणजीत सिंह राणा, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, शिवसिंह रावत, देवानंद गैरोला, पुजारी बागेश लिंग, शिवशंकर लिंग, वेपाठी विश्वमोहन जमलोकी, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी डोली प्रभारी पारेश्वर त्रिवेदी, कुलदीप धर्म्वाण, विदेश शैव ,ललित त्रिवेदी सहित मंदिर आदि मौजूद थे।

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