बजट से पहले संवाद, भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से बढ़ाएं पंचायतों का वित्त अनुदान
बजट से पहले हुए संवाद में पहुंचे हितधारकों ने कहा कि प्रदेश की पंचायतों को भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से वित्त अनुदान बढ़ाना चाहिए। संवाद में नॉलेज कैपिटल और ह्यूमन कैपिटल के लिए अलग-अलग निवेश का सुझाव आए तो कई हितधारकों ने अपने क्षेत्र से संबंधित बजट के अलग प्रावधान की मांग उठाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट प्रदेश की आर्थिक स्थिति और भविष्य का दर्पण है। बजट का केंद्रीय बिंदु उत्तराखंड का समग्र विकास है। जो भी महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं, उन्हें बजट में शामिल किया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में बजट पूर्व संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दून विवि कुलपति डॉ.सुरेखा डंगवाल ने सुझाव दिया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पीएचडी स्कॉलर स्टूडेंट्स के लिए रिसर्च गुणवत्ता बढ़ाने को सरकार बजट में प्रावधान करे।
नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी को बढ़ावा देने पर जोर
यूपीईएस के कुलपति प्रो.राम शर्मा ने बेहतर प्रदर्शन करने वालों के प्रोत्साहन के लिए बजट प्रावधान का सुझाव दिया। टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने पंचायत के विकास के लिए बजट में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार पंचायतों को वित्त अनुदान बढ़ाने का सुझाव दिया।
महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि राज्य में नॉलेज कैपिटल और ह्यूमन कैपिटल पर निवेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हमें राज्य में नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी को बढ़ावा देना चाहिए। हर जिले में डिस्ट्रिक्ट साइंस, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन सेंटर्स की स्थापना के लिए भी बजट में प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा जीईपी (ग्रॉस एनवायरमेंट प्रॉडक्ट) के आकलन के लिए भी बजट में अलग प्रावधान हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी हितधारकों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2024-25 के लिए जल्द ही बजट पेश करने जा रही है।