नंदा-सुनंदा बनीं शिक्षा की उम्मीद: DM देहरादून ने 5 बेटियों को बांटे चेक, अब तक 38 बालिकाओं की शिक्षा में मदद

नंदा-सुनंदा बनीं शिक्षा की उम्मीद: DM देहरादून ने 5 बेटियों को बांटे चेक, अब तक 38 बालिकाओं की शिक्षा में मदद

देहरादून – देहरादून की बेटियों के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल ‘नंदा-सुनंदा’ उम्मीद की वह किरण बन गई है, जो असहाय बालिकाओं की शिक्षा को नया जीवन दे रही है। सोमवार को कलक्ट्रेट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में डीएम ने पांच जरूरतमंद छात्राओं को कुल ₹1,65,800 के चेक वितरित किए। अब तक इस योजना से 38 बालिकाओं को ₹14 लाख से अधिक की सहायता मिल चुकी है।

इस अवसर पर बेटियों ने भावुक होकर कहा, “थैंक्यू डीएम सर… आपने हमारी शिक्षा को रुकने नहीं दिया, अब हम भी किसी जरूरतमंद की मदद करना चाहेंगे।”

इन बालिकाओं को मिली मदद

  • गौरांशी सिंघल (कक्षा 12, न्यू इमेज ब्यूटी इंस्टीट्यूट): ₹35,000
  • अनुष्का क्षेत्री (कक्षा 11, केन्द्रीय विद्यालय): ₹7,800
  • वैष्णवी (कक्षा 12, शिवालिक इंटरनेशनल स्कूल): ₹33,000
  • तनु शर्मा (कक्षा 12, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी): ₹60,000
  • शताक्षी शर्मा (कक्षा 11, इंडियन अकैडमी): ₹30,000

‘नंदा-सुनंदा’ क्या है?
यह एक लोकल-टू-ग्लोबल स्तर का मिशन है, जिसे डीएम देहरादून ने स्वयं निधियों के समायोजन और सामुदायिक सहयोग से खड़ा किया है। इसका उद्देश्य पारिवारिक संकट के कारण शिक्षा से वंचित हो रहीं बालिकाओं की पढ़ाई को पुनर्जीवित करना और उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर लाना है।

डीएम बोले: ये बेटियां भविष्य की प्रेरणा बनेंगी
डीएम बंसल ने कहा कि यह प्रोजेक्ट केवल एक सहायता योजना नहीं, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने का अभियान है। उन्होंने कहा कि नंदा-सुनंदा अभियान वर्षों तक चलता रहेगा, चाहे हम रहें या न रहें। उन्होंने बेटियों से कहा, “आप पढ़ाई की चिंगारी को कभी बुझने न दें, जिला प्रशासन हमेशा आपके साथ है।”

अब तक इस पहल के अंतर्गत जिले में 38 बेटियों को शिक्षा जारी रखने के लिए आर्थिक सहायता दी गई है, जिससे कई बालिकाएं फिर से स्कूल और कॉलेज लौट सकी हैं। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम कुमकुम जोशी, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार, प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित कई अधिकारी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

Saurabh Negi

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