एम्स ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु कार्यक्रम आयोजित
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर एम्स ऋषिकेश में दिव्यांगजनों को सशक्त और समावेशी बनाने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए गए। भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास (पीएमआर) विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उन सभी मरीजों को आमंत्रित किया गया था, जिन्हें इलाज के साथ मानसिक और भावनात्मक सहायता की आवश्यकता है।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने उद्घाटन करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को और मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एम्स उन्नत तकनीकों के माध्यम से दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है और खेल के क्षेत्र में भी उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने पीएमआर विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान शारीरिक पुनर्वास के क्षेत्र में अत्याधुनिक सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है। विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमार यादव ने दिव्यांग दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. ब्रूजरी अवराहम ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों पर सुझाव दिए।
कार्यक्रम में 10 महिलाओं सहित 32 रोगियों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया, जो लतिका फाउंडेशन, राफेल फाउंडेशन, और उपासना जनसेवा संस्थाओं के सहयोग से संचालित हुआ। इसके अतिरिक्त, एलिम्को और रेयान रिहैब के सहयोग से दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, कृत्रिम अंग, वॉकर, और अन्य सहायक उपकरण वितरित किए गए। इन लाभार्थियों में बिजनौर के 5 वर्षीय उस्मान और 50 वर्षीय मुन्नी देवी शामिल रहे।
इस अवसर पर अमित नेगी और प्रजीत जयपाल जैसे दिव्यांगजनों ने अपने अनुभव साझा करते हुए अन्य उपस्थित लोगों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, उप निदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल अमित पराशर, डॉ. ओसामा नेयाज, सीनियर रेजिडेंट्स, और विभागीय कर्मचारी भी उपस्थित रहे।