देवप्रयाग में जंगल की आग ने ली एक और जान
देवप्रयाग क्षेत्र की क्वीली पालकोट पट्टी के गोदाण गांव में रविवार को जंगल की आग से झुलसी नव विवाहिता की मौत हो गई। एम्स ऋषिकेश पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंपा दिया है। वहीं परिजनों व पूजा के मायके की ग्राम प्रधान ने समय पर एंबुलेंस सेवा न मिलने और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। रविवार को शाम चार बजे के करीब 21 वर्षीय पूजा पत्नी अरविंद सिंह आग से झुलस गई थी। आनन-फानन में परिजन पूजा को सीएचसी बागी ले गए। यहां पूजा का प्राथमिक उपचार करने के बाद ऋषिकेश एम्स के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन जिस अस्पताल की एंबुलेंस से उसे ले जाया जा रहा था वह शिवमूर्ति के समीप खराब हो गई। यहां पहुंची दूसरी 108 सेवा की एंबुलेंस भी साकनीधार में खराब हो गई। इसके बाद पौड़ी क्षेत्र की ऋषिकेश से श्रीनगर की ओर आ रही 108 एंबुलेंस ने पूजा को साकनीधार से कौड़ियाला तक पहुंचाया। शिवपुरी से चौथी एंबुलेंस कौड़ियाला तक पहुंची तब इसके जरिए उसे एम्स पहुंचाया गया, लेकिन एम्स पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बगसारी के उपप्रधान मनोहर रणाकोटी व पूजा के मायके कुर्न गांव की प्रधान पुष्पा रावत ने कहा कि पूजा को एम्स ले जाने के लिए चार एंबुलेंस का सहारा लिया गया। यदि एक ही एबुंलेंस समय पर उसे एम्स पहुंचा देती तो उसकी जान बच सकती थी।