एक लाख किमी चलते ही सरकारी मोटरसाइकिल हो जाएगी कबाड़, नया शासनादेश जारी
कोई भी 300 सीसी क्षमता से कम की सरकारी मोटरसाइकिल 10 साल की आयु और एक लाख किमी चलने पर कंडम मानी जाएगी। सभी चौपहिया सरकारी वाहन 15 साल की आयु पूरी करने के बाद संचालित नहीं हो सकेंगे। वाहनों की मरम्मत के लिए परिवहन विभाग की ओर से अधिकृत गैराज या डीलर पर ही जा सकेंगे। सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने सरकारी वाहनों के रखरखाव, मरम्मत व कंडम होने संबंधी पूर्व के सभी शासनादेशों को निष्क्रिय करते हुए नया शासनादेश जारी किया है। इसके तहत, जिन विभागों में वाहनों के रखरखाव व मरम्मत के लिए तकनीकी स्टाफ उपलब्ध हैं, वहां उपलब्ध बजट की सीमा में तकनीकी स्टाफ की संस्तुति के बाद विभागीय कार्यशालाओं में मरम्मत कराई जा सकती है। जिन विभागों में तकनीकी स्टाफ उपलब्ध नहीं है, वे परिवहन विभाग के संभागीय निरीक्षक की तकनीकी सिफारिश के बाद परिवहन विभाग से मान्यता प्राप्त या अधिकृत गैराज या डीलर के पास मरम्मत करा सकते हैं।
शर्त यह है कि वाहन के खरीद मूल्य का पांच प्रतिशत से अधिक खर्च संभावित न हो। अगर हो तो इसे लिए परिवहन आयुक्त से प्रशासनिक स्वीकृति लेनी होगी। अगर आकस्मिक परिस्थितियों में राजकीय वाहनों की मरम्मत की जरूरत होगी तो अधिकारी अपने वाहन की मरम्मत पर पांच हजार रुपये तक खर्च कर सकते हैं, जिसके लिए अधिकृत गैराज की अनिवार्यता नहीं है। शासनादेश के मुताबिक, ऐसे वाहन, जिनकी आयु पूरी होने वाली हो और उनकी मरम्मत पर खर्च ज्यादा आ सकता है, उनके लिए भी परिवहन विभाग निर्णय लेगा। जरूरत पड़ेगी तो उन्हें कंडम घोषित कर दिया जाएगा।