2022 हल्द्वानी हत्या कांड में चार आरोपी बरी, अदालत ने सबूतों की कमी और जांच खामियों पर उठाए सवाल

2022 हल्द्वानी हत्या कांड में चार आरोपी बरी, अदालत ने सबूतों की कमी और जांच खामियों पर उठाए सवाल

हल्द्वानी – 2022 में हुए चर्चित नीरज गैड़ा हत्या कांड में सभी चार आरोपियों को अदालत ने सबूतों के अभाव और पुलिस जांच में खामियों के चलते बरी कर दिया है। यह फैसला द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय, हल्द्वानी ने सुनाया। न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में विफल रहा।

मामला 6 जुलाई 2022 का है, जब दहड़िया, रामपुर रोड निवासी गोविंद गैड़ा ने एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, मुख्य आरोपी हरीश बृजवासी ने गोविंद और उसके छोटे भाई नीरज गैड़ा को घूमने के बहाने काठगोदाम की ओर बुलाया था। इसी दौरान वह उन्हें मंडी बाईपास के पास स्थित एक खाली प्लॉट पर ले गया, जहां कुछ युवकों ने नीरज पर डंडों और रॉड से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल नीरज को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

पुलिस ने जांच के बाद हरीश बृजवासी, मनीष सैनी, ललित मोहन नेगी और नीरज संभल को गिरफ्तार कर हत्या का आरोप लगाया था। लेकिन सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने जांच में कई कमियां उजागर कीं।

एडवोकेट राजन मेहरा ने अदालत में दलील दी कि पुलिस ने जिस डंडे की बरामदगी का दावा किया, उसका रिकवरी मेमो तैयार नहीं किया गया। साथ ही सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपियों की मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई। एफआईआर में आरोपियों के पते और अभिभावकों के नाम गलत लिखे गए थे, जिससे जांच की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठे।

गवाहों के बयान भी परस्पर विरोधाभासी पाए गए। कई गवाहों ने जिरह के दौरान अपने पूर्व बयान बदल दिए, जबकि कुछ ने अदालत में आरोपियों की पहचान तक नहीं की। अदालत ने यह भी माना कि अभियोजन पक्ष हत्या का स्पष्ट कारण या पुरानी रंजिश साबित नहीं कर पाया।

इन सब कमियों के चलते अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपराध सिद्ध करने में असफल रहा, जिसके बाद चारों आरोपी — हरीश बृजवासी, मनीष सैनी, ललित मोहन नेगी और नीरज संभल — को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि गंभीर अपराध मामलों में सटीक और निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है। जांच में लापरवाही या सबूतों की कमी अदालतों को ऐसे मामलों में आरोपियों को बरी करने के लिए विवश कर सकती है।

Saurabh Negi

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