होली पर सेहत का रखें ध्यान, एम्स ऋषिकेश ने जारी की स्वास्थ्य एडवाइजरी

होली का त्योहार रंगों की खुशी लेकर आता है, लेकिन इन दिनों बाजार में उपलब्ध केमिकल युक्त रंगों के कारण यह सेहत के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। एम्स ऋषिकेश ने स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी कर लोगों को प्राकृतिक रंगों के उपयोग और स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को अपनाने की सलाह दी है।
आंखों की सुरक्षा के लिए बरतें सावधानी
एम्स ऋषिकेश के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि होली के दौरान आंखों में केमिकल युक्त रंग चले जाने से जलन, दर्द और रोशनी प्रभावित होने की शिकायतें बढ़ जाती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि—
- प्राकृतिक और हर्बल रंगों का ही उपयोग करें।
- रंगों के छींटें आंखों में जाने से बचें।
- यदि रंग आंखों में चला जाए, तो तुरंत साफ पानी से धोएं, लेकिन रगड़ें नहीं।
त्वचा को सुरक्षित रखने के उपाय
त्वचा रोग विभाग के प्रमुख डॉ. नवीन कुमार कंसल के अनुसार, नकली रंगों में मौजूद हानिकारक रसायन त्वचा पर जलन, एलर्जी और खुजली का कारण बन सकते हैं। इसके लिए—
- होली खेलने से पहले नारियल या सरसों का तेल लगाएं ताकि रंग सीधे त्वचा पर न लगे।
- मुंह में रंग जाने से अस्थमा और एलर्जी की शिकायत हो सकती है, इसलिए सावधानी बरतें।
- बाजार में मिलने वाले रंगों में पारा, सिलिका, अभ्रक और सीसे का मिश्रण हो सकता है, जिससे त्वचा पर दाने और जलन हो सकती है।
स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता जरूरी
एम्स ऋषिकेश ने कहा कि होली खेलने के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। विशेषज्ञों ने केमिकल युक्त रंगों से बचने और प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने की सलाह दी है। साथ ही, त्वचा और आंखों को सुरक्षित रखने के लिए होली के पहले और बाद में उचित देखभाल करना आवश्यक है।