भारत-पाकिस्तान ने परमाणु और नागरिक कैदियों की सूचियों का आदान-प्रदान किया

भारत-पाकिस्तान ने परमाणु और नागरिक कैदियों की सूचियों का आदान-प्रदान किया

भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची का आदान-प्रदान किया। यह कदम 1988 के परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर हमले को रोकने के समझौते के तहत हुआ, जिसे 1991 में लागू किया गया था। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच परमाणु सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह 34वां अवसर है जब दोनों देशों ने इस सूची का आदान-प्रदान किया, जो 1 जनवरी 1992 से नियमित रूप से हो रहा है।

इसके अतिरिक्त, भारत और पाकिस्तान ने नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूचियों का भी आदान-प्रदान किया। यह प्रक्रिया 2008 के कांसुलर एक्सेस समझौते के तहत हुई, जिसमें दोनों देशों को हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को इन सूचियों का आदान-प्रदान करना होता है। भारत ने 381 नागरिक कैदियों और 81 मछुआरों की सूची साझा की, जबकि पाकिस्तान ने 49 नागरिक कैदियों और 217 मछुआरों के नाम दिए।

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह सजा पूरी कर चुके 183 भारतीय नागरिकों और मछुआरों को तुरंत रिहा करे। साथ ही, 18 भारतीय नागरिकों को कांसुलर पहुंच प्रदान करने और सभी भारतीय नागरिक कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया।

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