यूपीसीएल जांच में मिलीं खामियां 15 दिन में दूर करने में निर्देश
जो विभाग ज्यादा बिजली इस्तेमाल करते हैं, उनका सेफ्टी ऑडिट यूपीसीएल खुद करेगा। जांच में आने वाली कमियां संबंधित विभाग को बताएगा। 15 दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद सीधे उस परियोजना को करंट से असुरक्षित मानते हुए कनेक्शन काट दिया जाएगा। निदेशक परिचालन एमएल प्रसाद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक लेकर सभी चीफ इंजीनियर को इसका अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
चमोली हादसे के बाद अब यूपीसीएल ने प्रदेश के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, पंपिंग स्टेशन, पेयजल के ट्यूबवेल सहित तमाम बिजली से चलने वाली परियोजनाओं की करंट से सुरक्षा का मोर्चा खुद संभाल लिया है। निदेशक परिचालन एमएल प्रसाद ने अपने इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि वह सप्ताहभर में अपने क्षेत्र की सभी ऐसी परियोजनाओं के भीतर विद्युत सुरक्षा के उपायों का ऑडिट करें। उसमें जो भी कमियां मिलें, उसकी जानकारी संबंधित विभागों को बताएं। इन कमियों को दूर करने के लिए केवल 15 दिन का समय दिया जाएगा। साथ ही इन 15 दिन में परियोजना संचालन में एहतियाती कदमों की जानकारी भी दी जाएगी। तय समय में विभाग ने कमियां दूर न कीं तो यूपीसीएल सीधे उसे असुरक्षित मानते हुए बिजली का कनेक्शन काट देगा।
सेफ्टी नियम: मीटर तक बिजली सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपीसीएल की
नियामक आयोग की ओर से बनाए गए नियमों पर गौर करें तो किसी भी उपभोक्ता के घर, प्रतिष्ठान, परियोजना में सुरक्षित आपूर्ति की जिम्मेदारी यूपीसीएल केवल मीटर तक संभालता है। इससे आगे प्रतिष्ठान के भीतर की जिम्मेदारी संबंधित उपभोक्ता की है। मसलन, प्रतिष्ठान के भीतर अर्थिंग से लेकर एमसीबी आदि लगाने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित उपभोक्ता की होती है।