नया आयकर विधेयक संसद में पेश होने की संभावना, कई बदलाव किए जाएंगे

नया आयकर विधेयक गुरुवार को संसद में पेश किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2025 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। यह विधेयक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा और इसे अधिक सरल और व्यवस्थित बनाया गया है। केंद्रीय कैबिनेट इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है। लोकसभा में पेश होने वाले इस विधेयक में 536 धाराएं और 23 अध्याय होंगे, जो 622 पन्नों में विस्तृत होंगे।
नए विधेयक में पुराने कानून की कई अवधारणाएं बदली गई हैं। ‘पिछले वर्ष’ (FY) को अब ‘कर वर्ष’ कहा जाएगा, और मूल्यांकन वर्ष (AY) की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है। मौजूदा नियमों में अर्जित आय का कर अगले निर्धारण वर्ष में देना होता है, लेकिन नए कानून में इस प्रक्रिया को सरल बनाते हुए सीधे कर वर्ष की अवधारणा लागू की जाएगी।
आयकर अधिनियम, 1961 में 298 धाराएं थीं, जबकि नए विधेयक में 536 धाराएं शामिल की गई हैं। इसके अलावा, अनुसूचियों की संख्या भी 14 से बढ़कर 16 हो गई है। हालांकि, विधेयक के अध्यायों की संख्या 23 ही रखी गई है। संशोधित विधेयक में पृष्ठों की संख्या 622 होगी, जो वर्तमान अधिनियम की तुलना में लगभग आधी है। 1961 में जब आयकर अधिनियम लाया गया था, तब इसमें 880 पृष्ठ थे, लेकिन समय के साथ संशोधनों के कारण यह जटिल हो गया था। नए विधेयक का उद्देश्य इसे अधिक पारदर्शी और सुगम बनाना है।